नोटबंदी के बाद अब चेकबंदी के लिए रहें तैयार, कभी भी हो सकता है ऐलान
नई दिल्लीPublished: Nov 21, 2017 09:48:14 pm
सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन करें…
नई दिल्ली|अब भले ही हालात सामान्य हो गए हों, लेकिन नोटबंदी ने एक बार तो सबको रुला दिया था। आपको बता दें, सरकार इसी तरह का एक और बड़ा फैसला लेने वाली है। जल्दी ही इस बात का ऐलान किया जा सकता है कि आपके पास पड़ी चेकबुक अमान्य हो गई है। जी हां, ये सच है। डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही ये ऐलान कर सकती है।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने दावा किया है कि केंद्र सरकार जल्द चेकबुक की व्यवस्था खत्म करने का फरमान सुना सकती है। सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का मानना हैं कि सरकार क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहती है। इसी के लएि सरकार ऐसी पहल कर सकती है। बैंक डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर 1 फीसदी और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर 2 फीसदी का चार्ज लगाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों काे ऐसी योजना बनानी चािहए कि ये चार्ज भी समाप्ज हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए प्रोत्साहित हों।
खंडेलवाल के अनुसार नोटबंदी से पहले तक केंद्र सरकार नई करेंसी को छापने पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए खर्च करती थी और 6 हजार करोड़ रुपए इसके अलावा उसकी सुरक्षा पर खर्च करने पड़ते थे। एक अनुमान के मुताबिक ज्यादातर व्यापारिक लेन-देन चेक के माध्यम से ही होता है। यानी 95 फीसदी ट्रांजैक्शंस कैश या चेक के माध्यम से होते हैं। ये भी पाया गया है कि नोटबंदी के बाद चेक का उपयोग बढ़ा है।
जानकारी के अनुसार मौजूदा इस वित्त वर्ष के अंत तक सरकार ने 2.5 खरब डिजिटल ट्रांजैक्शंस का टारगेट रखा हुआ है। इसे पूरा करने के लिए सरकार को चेकबुक पर जल्द ही रोक लगानी होगी। हालांकि चेकबुक को चलन से बाहर करने के लिए कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना होगा। बैंकिंग कानून के अनुसार चैक एक फाइनांशियल इंस्ट्रूमेंट माना जाता है। इसे इस सूचि से बाहर करने के लिए रिजर्व बैंक के जरिए उस कानून में बदलाव करना होगा।