माल्या के खिलाफ नहीं था वारंट: सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि वह संसद का सदस्य था और उसके खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं था। ऐसे में एजेंसी को एलओसी में ‘गिरफ्तारी’ शब्द को हटाकर इसे ‘उसके विदेश जाने पर सीबीआई को सूचित करें’ से परिवर्तित करना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि माल्या तब जांच में सहयोग कर रहा था और एजेंसी बैंकों से तब भी सबूत इकट्ठा कर रही थी। इन हालात में सीबीआई अधिकारियों ने आव्रजन अधिकारियों को एलओसी में परिवर्तन करने के लिए लिखा।
कांग्रेस का आरोप: सरकार की मिलीभगत से भागा माल्या, जेटली को बर्खास्त करने की मांग
नए एलओसी के बाद भी विदेश गया माल्या
अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या के खिलाफ पहला एलओसी 16 अक्टूबर 2015 को जारी किया गया था। दूसरा एलओसी 24 नवंबर 2015 को जारी किया गया, जिस दिन माल्या ब्रिटेन से लौटा। सूत्र ने कहा कि माल्या नोटिस जारी होने के बाद भी दस्तावेज और एजेंसी के सवालों के जवाब देता रहा। उन्होंने कहा कि नए एलओसी के जारी होने के बाद माल्या तीन बार पूछताछ के लिए आया और चार बार विदेश यात्रा पर गया।
कांग्रेस ने की जेटली को बर्खास्त करने की मांग
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे साफ है कि माल्या को भगाने में सरकार की मिलीभगत है। वित्त मंत्री जेटली भी स्वीकार कर चुके हैं कि विदेश जाने से पहले माल्या उनसे मिला था जबकि इस मुलाकात का उन्होंने कभी जिक्र नहीं किया। माल्या मामले में अब वित्त मंत्री की भूमिका का भी पर्दाफाश हो चुका है, इसलिए जेटली को बर्खास्त करके प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका की व्यापक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि माल्या के ठिकानों पर 10 अक्टूबर 2015 को छापेमारी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दावा करता है कि उसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं इसलिए छह दिन बाद लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है। फिर छह दिन बाद दावा किया जाता है कि माल्या वापस आ जाएगा इसलिए आब्रजन कार्यालय को लुकआउट नोटिस वापस लेने को कहा जाता है।
10 दिसंबर को आए माल्या पर फैसला
माल्या दो मार्च, 2016 को देश छोड़कर चला गया। उस पर 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर बैंकों को धोखा देने का आरोप है। माल्या फिलहाल लंदन में है जहां एक अदालत ने भारत द्वारा दायर उसके प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई खत्म की है और अपना फैसला 10 दिसम्बर के लिए सुरक्षित रखा है।