scriptबड़ा खुलासा, बुलेट प्रूफ हेलमेट को पार कर गई थी गोली इसलिए गई गरुड़ कमांडो की जान | Bulletproof helmet failed so Garud commando Milind Kishor die | Patrika News

बड़ा खुलासा, बुलेट प्रूफ हेलमेट को पार कर गई थी गोली इसलिए गई गरुड़ कमांडो की जान

locationनई दिल्लीPublished: Oct 18, 2017 08:43:12 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

बांदीपुरा में शहीद हुए गरुड़ कमांडो मिलिंद किशोर की मौत को लेकर बड़ा खुलासा किया है, उनके मौत की वजह खराब हेलमेट थी।

 Garud commando
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में शहीद हुए जवान मिलिंद किशोर की मौत को लेकर एक विदेशी अखबार ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक जवान मिलिंद किशोर की मौत की वजह खराब हेलमेट था। वैसे तो यह हेलमेट बुलैटप्रूफ था, लेकिन लश्कर-ए-तोयबा के आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान दो गोलियां हेलमेट के पार हो गईं। इस कारण से भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो मिलिंद की जान गई। यह दावा ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने किया है।

बुलैटप्रूफ हेलमेट पार कर गई दो गोली
खबर के मुताबिक, शहीद होने से पहले मिलिंद और उनके साथी ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था और तीन को घायल कर दिया था। इस बीच आतंकवादियों की एके 47 से चलाई गई दो गोलियां हेलमेट के पार हो गईं, जिससे मिलिंद की जान गई। खबर के मुताबिक जवान मिलिंद किशोर के कथित बुलैटप्रूफ हेलमेट में एके 47 की गोलियों से दो छेद हुए।
 Garud commando
दो बच्चों को छोड़ गए मिलिंद
महाराष्ट्र के रहने वाले मिलिंद किशोर 2002 में वायुसेना में शामिल हुए थे। गरुड़ कमांडो मिलिंद स्पेशल ट्रेनिंग के लिए जम्मू कश्मीर में तैनात थे, जहां बांदीपुरा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। फिलहाल मिलिंद चंडीगढ़ में तैनात थे और यहीं उनकी पत्नी दो बच्चे भी रहते थे।
 Garud commando
पूरे देश में सिर्फ 1500 गरुड़ कमांडो
गरुड़ कमांडो एयरफोर्स की एक स्पेशल यूनिट होती है। पूरे देश में केवल 1500 गरुड़ कमांडोज हैं। हवा और जमीन दोनों में मार करने में माहिर गरुड़ कमांडोज बेहद खास होते हैं। इन कमांडोज को नेवी के माकोर्स और सेना के पैरा कमांडो ट्रेनिंग देते हैं। एक साल की कड़ी मेहनत के बाद एक गरुड़ कमांडो तैयार होता है। गरुण कमांडो यूनिट की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी।

विषम हालात में आते हैं गरुड़ कमांडो
गरुड़ कमांडो यूनिट इजराइल के स्पेशल ‘शालडाग’ कमांडो की तर्ज पर काम करते हैं और बेहद विषम परिस्थिती में ही इन्हें युद्ध के लिए मैदान में भेजा जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो