गुस्से की तेज हैं दीदी
दीदी कहे जानेवाली ममता बनर्जी को गुस्सा का बड़ा तेज कहा जाता है। कहते हैं कि गुस्सा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाक पर बैठा रहता है। कई बार टीवी पर उनके गुस्से की तस्वीरें हम देख चुके हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि ममता बनर्जी के गुस्से का शिकार एक बार लोकसभा उपाध्यक्ष हो चुके हैं। जिसके बाद ममता बनर्जी फूट-फूटकर रोईं थीं। घटना 4 अगस्त 2005 की है। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में घुसपैठ के मुद्दे पर बोलना चाहती थीं। उन्होंने इस मुद्दे पर बोलने की इजाजत न मिलने पर तत्कालीन लोकसभा उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल पर कागज फाड़कर फेंक दिए थे। इतना ही नहीं संसद की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया था। हालांकि, स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। लोकसभा में ममता बनर्जी फूट-फूटकर रोने लगी थीं। इनकी इस हरकत की वजह से यूपीए और लेफ्ट के कई सदस्यों ने अलग से बयान जारी कर ममता के इस व्यवहार की निंदा की और कहा कि उन्होंने सदन की गरिमा का अपमान किया है। बता दें कि ममका बनर्जी कि आज नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस के मुद्दे पर मुखर विरोधी हैं और कहती हैं कि अगर बंगाल में एनआरसी लागू किया गया तो गृह युद्ध छिड़ जाएगा।