जानकारी के मुताबिक, दुष्कर्म के मुख्य आरोपी पंकज फौजी और मनीष को सोमवार को एसआईटी टीम इंस्पेक्टर नरेश कुमार के नेतृत्व में महेंद्रगढ़ उप नागरिक अस्पताल में डीएनए टेस्ट के लिए लेकर आई। इस दौरान टीम में एएसआई रामचंद्र, एएसआई देवेंद्र, एएसआई प्रदीप कुमार, एएसआई हंसराज तथा सिपाही दिनेश कुमार साथ थे। जहां पर चिकित्सक नवीन अग्रवाल ने उनके सैंपल लिए। टीम में शामिल रामचंद्र एएसआई ने बताया कि सैंपलों को जांच के लिए मधुबन लैब में भेजा जाएगा। इसके बाद एसआईटी आरोपियों सहित कोर्ट की आर्डर कॉपी लेने के लिए महेंद्रगढ़ कोर्ट चली गई थी।
रात में ही कोर्ट में कर दिया गया पेश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बाद रात को ही कोर्ट में पेश कर दिया। इस बात की भनक तक किसी को नहीं लगी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने रात 12 बजे आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से उन्हें चार दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया गया। वहीं, जब रात में पेशी को लेकर सवाल उठने लगे तो एसआइटी को इस मामले पर सफाई देनी पड़ी। एसआईटी टीम के मुताबिक, पुलिस कार्रवाई में आरोपी को पकड़ने के बाद 24 घंटे के अंदर न्यायालय में पेश करना होता है। यह मामला बड़ा होने के कारण दिनभर कागजी कार्रवाई चलती रही। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया।
वहीं, पुलिस का यह भी कहना है कि वारदात के वक्त तीन आरोपियों के अलावा अन्य लोगों के भी शामिल होने के सबूत मिले हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में वारदात स्थल पर कोठड़ा मालिक और चिकित्सक की भी मौजूदगी मिली है। पुलिस अब इस संबंध में जांच को आगे बढ़ा रही है। पीड़ित छात्रा ने शिकायत में केवल तीन आरोपियों को ही नामजद कराया है, लेकिन वारदात में तीन से अधिक लोगों के शामिल होने की शंका जताई है। अब डीएनए रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं।