पुलिस के अनुसार, यह गैंग बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के बाहर पर गाड़ी का इंतजार कर रहे लोगों को निशाना बनाता है। उनके साथ सामान्य बातचीत के जरिए ये जानने की कोशिश की जाती हैं कि वे किस जगह जा रहे हैं और स्वयं के भी उसी ओर जाने की बात कहकर उन्हें विश्वास में लेते हैं। इसके बाद शेयरिंग कैब बुक करने की बात करते हंै और रास्ते में उन्हें लूट लेते हैं। उनके साथ मौजूद एक-दो साथी इस काम में मदद भी करते हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें लिफाफा गैंग ने 50 वर्षीय टैक्स कंसल्टेंट को निशाना बनाया और उससे करीब 70,000 रुपए लूट लिए। लूट का शिकार हुए व्यक्ति ने पीडि़त ने पुलिस को बताया कि बताया कि वह 11 दिसंबर को महिपालपुर एक्सटेंशन बस स्टैंड पर किसी शेयरिंग प्राइवेट कैब से ओखला जाने की जुगत में थे। कैब का इंतजार करने के दौरान एक शख्स उनके पास आया और नेहरू प्लेस जाने का रास्ता पूछा। इस पर पीडि़त ने उससे कहा कि वह भी उधर ही जा रहे हैं और वे दोनों शेयरिंग कैब में साथ जा सकते हैं। इस बीच एक और शख्स आया और उसने भी उसी ओर जाने की बात कही।
पीडि़त ने बताया कि इसके बाद तीनों एक शेयरिंग कैब बुक कर साथ चल पड़े। लुटेरे ने खुद को पुलिसकर्मी बताया और कहा कि वह लाजपत नगर से एटीएम से 40 लाख रुपए लूटने वाले गैंग की तलाश में निकला हुआ है और गुप्त सूचना मिली है कि गैंग का एक सदस्य नेहरू प्लेस में है। लुटेरा सादे लिबास में था, लेकिन उसके पास एक रिवॉल्वर और एक वॉकी-टॉकी भी थी। इस बीच उसके वॉकी-टॉकी पर मैसेज आया कि एक व्यक्ति 15 लाख रुपए के साथ पकड़ा गया है। फिर उसने अचानक कैब को रूट बदलने के लिए कहा। जब उन्होंने विरोध किया तो उनसे कहा कि वह पुलिस कार में बैठे हैं और उन्हें अब धौला कुआं पुलिस स्टेशन चलना होगा।
गोली मारने की धमकी देकर लुटेरे ने पीडि़त के बैग से 8,000 रुपए कैश निकाल लिए। साथ ही तीन डेबिट कार्ड भी ले लिए और पिन भी लिखवा लिया। बाद में धौला कुआं फ्लाईओवर के नीचे कार रोककर उसे उतार दिया। इसके बाद पीडि़त ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तब तक लुटेरे उनके डेबिट कार्ड से 70,000 रुपए निकाल चुके थे। वहीं दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।