scriptशिव के ‘आंसुओं’ से बना दी शानदार तस्वीर, 14000 रुद्राक्ष से उकेरा छत्रपति शिवाजी महाराज का चित्र | Artist creates mosaic portrait of Chhatrapati Shivaji using Rudraksh | Patrika News

शिव के ‘आंसुओं’ से बना दी शानदार तस्वीर, 14000 रुद्राक्ष से उकेरा छत्रपति शिवाजी महाराज का चित्र

locationनई दिल्लीPublished: Sep 12, 2018 03:12:00 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

मोज़ेक चित्र बनाने के लिए करीब 14000 रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया।

Kamal

शिव के ‘आसूंओं’ से बना दी शानदार तस्वीर, 14000 रुद्राक्ष से उकेरा छत्रपति शिवाजी महाराज का चित्र

मुंबई। शानदार, जबरदस्त, जिंदाबाद इस कलाकार की कला देखने के बाद आप यही कहेंगे क्योंकि मुंबई निवासी कलाकर ने ऐसा कारनामा किया है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। दरअसल चेतन राउत ने भगवान शिव के आंसू कहे जाने वाले रुद्राक्ष से छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर को उकेरा है। चेतन राउत की टीम ने शिवाजी महाराज का मोजेक चित्र बनाने के लिए करीब 14000 रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया। मोजेक चित्र बनाने के लिए करीब 14000 रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया। इस कलाकारी में उनकी टीम ने भी उनका साथ दिया। इस कला को बनाने के लिए 28 रंगों के शेड्स का उपयोग किया गया। वह अपने इस काम से काफी खुश हैं। चेतन ने बताया कि ये उनका पांचवां विश्व रिकॉर्ड है।
यहां कदम रखते ही दूर हो जाती है पैसे की किल्लत, इस खास वजह से नहीं रहती किसी को आर्थिक परेशानी

क्या है रुद्राक्ष?

रुद्राक्ष दो शब्दों के मेल से बना है- पहला रूद्र का अर्थ होता है भगवान शिव और दूसरा अक्ष इसका अर्थ होता है आंसू| माना जाता है की रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है| रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से प्रकट हुआ। रुद्राक्ष को प्राचीन काल से आभूषण के रूप में, सुरक्षा के लिए, ग्रह शांति के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया। कहा जाता है कि रुद्राक्ष की खासियत यह है कि इसमें एक अनोखे तरह का स्पदंन होता है, जो आपके लिए ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है।
कौन थे शिवाजी महाराज?
शिवाजी का पूरा नाम शिवाजी राजे भोंसले था, लेकिन वो छत्रपति शिवाजी के नाम से मशहूर हुए। इनका जन्म पश्चिम भारत के मराठवाड़ा क्षेत्र के जुन्‍नरनगर में हुआ था तथा ये मराठा साम्राज्य के स्थापक भी थे। लोग इन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं तो कुछ लोग इन्हें मराठा गौरव कहते हैं, जबकि वे भारतीय गणराज्य के महानायक थे। शिवाजी ने औरंगज़ेब के ख़िलाफ़ अपना स्वतंत्र राज्य बनाने का प्रयास किया और कामयाब भी रहे। वह मराठाओं में राजा का ओहदा पाने वाले पहले थे।
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