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अमृतसर रेल हादसा: मृतकों के परिजनों का सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा, मनोज सिन्‍हा बोले- किस बात की जांच कराएं

locationनई दिल्लीPublished: Oct 20, 2018 12:40:28 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे।

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अमृतसर रेल हादसा: मृतकों के परिजनों का सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा, मनोज सिन्‍हा बोले- किस बात की जांच कराएं

चंडीगढ़। पंजाब के अमृतसर में हुए रेल हादसे के बाद हर कोई गमगीन है। मृतकों के परिजनों पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतकों के परिजन इस हादसे के बाद गुस्से में हैं। गुस्साए लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। पंजाब सरकार के खिलाफ लोग नारेबाजी कर रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आने से पहले लोग गुस्से में नजर आ रहे हैं। उधर परिजन अमृतसर-जालंधर हाइवे पर शव रख हंगामा कर रहे हैं। परिजन मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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17 घंटे बाद सीएम पहुंचे घायलों से मिलने

इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे। अमनदीप अस्पताल में जाकर उन्होंने घायलों का हालचाल पूछा। उनके साथ उनकी सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी हैं। बता दें कि यहां पहुंचने से पहले उन्होंने एक बैठक की थी। पंजाब सरकार ने शनिवार को राज्य में शोक का ऐलान किया है। इस दौरन सभी ऑफिस और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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मुआवजे का फंड रिलीज

मुख्यमंत्री ने तीन करोड़ का फंड रिलीज कर दिया है। सीएम ने जल्द से जल्द मुआवजा देने का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा मिलेगा।
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रेलवे ने झाड़ा पल्ला

61 लोगों की मौत के बाद शनिवार को रेलवे ने इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया। उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने जारी बयान में कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसे क्षेत्र में हो रहा था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। बयान के अनुसार, वहां पर दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में ना तो क्षेत्रीय प्रशासन और ना ही कार्यक्रम आयोजक ने कोई सूचना दी।
उन्होंने कहा, “तो रेलवे से अनुमति लेने का सवाल ही नहीं उठता।” उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम कार्यक्रम के समय मानवीय क्रॉसिंग के दरवाजे बंद थे। वहीं, दूसरी तरफ रेल राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा ने मीडिया से कहा हम किस चीज के लिए जांच के आदेश दें। उन्होंने कहा, ”लोगों को भविष्‍य में रेलवे ट्रैक्‍स के आसपास ऐसे आयोजनों से बचना चाहिए। ड्राइवरों को साफ निर्देश होते हैं कि कहां ट्रेन धीमी करनी है। वहां एक मोड़ था, ड्राइवर नहीं देख पाया होगा। हम किस चीज के लिए जांच का आदेश दें? ट्रेनें रफ्तार से ही चलती हैं।”
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