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NSA अजीत डोभाल का बयान: जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान थी भूल, संप्रभुता से समझौता नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Sep 05, 2018 11:16:12 am

Submitted by:

Saif Ur Rehman

अनुच्छेद 35-ए के तहत जम्मू कश्मीर के स्थाई निवासियों को खास तरह के अधिकार और कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं।

Ajeet dobhal

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का बयान: जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान एक गलती थी, संप्रभुता से समझौता नहीं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बीच कश्मीर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल का बयान आया है। अजित डोभाल ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के लिए अलग संविधान होना संभवत: एक ‘गलती’ थी। साथ ही उन्होंने कहा कि संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है।

अंग्रेजों ने डाली फूट

देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि संप्रभुता को ‘न तो कमजोर किया जा सकता है और न ही गलत तरीके से परिभाषित किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए तो संभवत: वे भारत को एक मजबूत संप्रभु देश के रूप में छोड़कर नहीं जाना चाहते थे।’
सरदार वल्लभभाई पटेल की तारीफ
मंगलवार को किताब की लॉन्चिंग पर बोलते हुए एनएसए डोभाल ने सरदार वल्लभभाई पटेल की तारीफ करते हुए कहा कि, “इस संदर्भ ( अंग्रेज संप्रभु देश के रूप में भारत को छोड़कर नहीं जाना चाहते थे ) में पटेल ने अंग्रेजों के प्लान को शायद समझ लिया था वे कैसे देश में टूट के बीज बोना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पटेल का योगदान सिर्फ राज्यों को जोड़ने तक ही नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान दिया है। डोभाल ने इस अवसर पर पटेल को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
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जनवरी तक टली अनुच्छेद 35A पर सुनवाई

जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 35 A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जो 19 जनवरी तक टाल दी गई है। बता दें कि अनुच्छेद 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है। इसके तहत दिए गए अधिकार ‘स्थाई निवासियों’ से जुड़े हुए हैं

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