सोमवार को दिल्ली एनसीआर में धुंध नजर आई। इससे दृश्यता भी कम हो गई। तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं दिल्ली में प्रशासन की तरफ से प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए अहम कदम उठाने के बावजूद गुणवत्ता सुधर नहीं रही है। सोमवार को दिल्ली सहित एनसीआर के ज्यादातर हिस्से स्मॉग की चपेट में रहे। दिल्ली में हवा के गुणवत्ता की बात करें तो कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। आनंद विहार पर सुबह नौ बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 908 (PM 2.5-732, PM 10- 885) देखी गई । दोपहर 11 बजे झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया में AQI 923 (PM2.5 -228, PM10- 923) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि धुंध यानी स्मॉग की वजह से प्रदूषक तत्व वातावरण में काफी नीचे हैं। नवंबर की शुरूआत में ही हवा की गुणवत्ता इतने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, तो फिर आने वाले सर्दियों के दिनों में क्या होगा।
हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर होने से शरीर को नुकसान पहुंच रहा है। घर से बाहर लोग मास्क पहनकर निकल रहे हैं। धुआं-धुआं हुई दिल्ली में लोग अहतियात के साथ बाहर से निकल रहे हैं। आंखों में जलन की भी शिकायत की गई है। एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वायु प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर असर करता है। फेफड़े तो प्रदूषण के प्रवेश का एक बिंदु बन गया हैं जिसके माध्यम से शरीर संक्रमित हो रहा है।बीमारियां बढ़ रही हैं। वहीं प्रदूषण से शरीर को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में सर गंगा राम अस्पताल के चेयरमैन अरविंद कुमार ने कहा कि यह एक दिन में 20 सिगरेट धूम्रपान करने जैसा है, और इसमें नवजात शिशु भी शामिल हैं। हवा में रसायन इतने प्रमुख हैं कि आप उन्हें अपने होंठों पर महसूस कर सकते हैं।