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दिवाली से पहले डेंजर जोन में दिल्ली एनसीआर, खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, पहली बार 500 के पार पहुंचा AQI

locationनई दिल्लीPublished: Nov 05, 2018 01:14:01 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

दिल्ली की हवा बद से बदतर होती जा रही है। सोमवार को हवा की गुणवत्ता खतरनाक हो गई।

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दिवाली से पहले डेंजर जोन में दिल्ली एनसीआर, खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के पार

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। दिल्ली डेंजर जोन में पहुंच चुकी है। फिजां में घुलते जहर के कारण दिल्लीवासियों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। सोमवार को भी दिल्ली की अबोहवा खतरनाक स्तर पहुंच गई। पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI) 500 के पार पहुंच गया।
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खतरनाक स्तर पर पहुंची हवा की गुणवत्ता
सोमवार को दिल्ली एनसीआर में धुंध नजर आई। इससे दृश्यता भी कम हो गई। तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं दिल्ली में प्रशासन की तरफ से प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए अहम कदम उठाने के बावजूद गुणवत्ता सुधर नहीं रही है। सोमवार को दिल्ली सहित एनसीआर के ज्यादातर हिस्से स्मॉग की चपेट में रहे। दिल्ली में हवा के गुणवत्ता की बात करें तो कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। आनंद विहार पर सुबह नौ बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 908 (PM 2.5-732, PM 10- 885) देखी गई । दोपहर 11 बजे झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया में AQI 923 (PM2.5 -228, PM10- 923) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि धुंध यानी स्मॉग की वजह से प्रदूषक तत्व वातावरण में काफी नीचे हैं। नवंबर की शुरूआत में ही हवा की गुणवत्ता इतने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, तो फिर आने वाले सर्दियों के दिनों में क्या होगा।
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शरीर को पहुंच रहा है नुकसान
हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर होने से शरीर को नुकसान पहुंच रहा है। घर से बाहर लोग मास्क पहनकर निकल रहे हैं। धुआं-धुआं हुई दिल्ली में लोग अहतियात के साथ बाहर से निकल रहे हैं। आंखों में जलन की भी शिकायत की गई है। एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वायु प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर असर करता है। फेफड़े तो प्रदूषण के प्रवेश का एक बिंदु बन गया हैं जिसके माध्यम से शरीर संक्रमित हो रहा है।बीमारियां बढ़ रही हैं। वहीं प्रदूषण से शरीर को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में सर गंगा राम अस्पताल के चेयरमैन अरविंद कुमार ने कहा कि यह एक दिन में 20 सिगरेट धूम्रपान करने जैसा है, और इसमें नवजात शिशु भी शामिल हैं। हवा में रसायन इतने प्रमुख हैं कि आप उन्हें अपने होंठों पर महसूस कर सकते हैं।
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बता दें कि दिल्ली प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई तरह के प्रयास किए हैं, जिसमें निर्माण कार्य को रोकने सहित यातायात संबंधी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाना शामिल है। खुदाई समेत दिल्ली में सभी तरह के निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है।
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सूचकांक शून्य से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ’संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। बीते तीन हफ्ते से दिल्ली और आसपास के इलाकों में पॉल्यूशन स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका था
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