script

रफाल को वायुसेना का समर्थन, तेजस जेट अकेला मुकाबला करने के लिए नाकाफी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 12, 2018 01:14:44 pm

Submitted by:

Mohit sharma

केन्द्र सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच खींचतान का मुद्दा बनी रफाल डील को वायुसेना ने फायदा का सौदा बताया है।

news

रफाल को वायु सेना का समर्थन, तेजस जेट अकेला मुकाबला करने के लिए नाकाफी

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच खींचतान का मुद्दा बनी रफाल डील को वायुसेना ने फायदा का सौदा बताया है। वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने रफाल डील का समर्थन करते हुए इस भविष्य के लिए काफी मददगार बताया है। बुधवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए धनोआ ने कहा कि हमारे दोनों पड़ोसी मुल्क परमाधु हथियार संपन्न हैं। ऐसे में हमारे सामने दोनों ओर से चुनौती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का फ्रेंच रफाल फाइटर जेट और रूसी एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने का फैसला वायु सेना की क्षमताओं को मजबूती देगा। वायु सेना प्रमुख ने साफी कहा कि आज हमें रफाल जैसे हाई-टेक जेट की बहुत जरूरत है, क्योंकि तेजस जैसा मध्यम तकनीक जेट अकेला मुकाबला करने के लिए नाकाफी है।

भविष्य की चुनौतियों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे होंगे। चीन अपनी वायु सेना को आधुनिकीकृत और मजबूत करने में जुटा है। दोनों पड़ोसी मुल्कों की रणनीति कभी भी बदल सकती है। वायुसेना प्रमुख ने ताजा हालातों की जानकारी देते हुए कि मौजूदा समय में हमारे पास कुल 31 दस्ते हैं, जबकि जरूरत 42 दस्तों की होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमारे पास 42 दस्तें भी होते हैं तो भी दोनों तरफ का युद्ध लड़ना सरल नहीं होगा।

 

https://twitter.com/hashtag/Rafale?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की स्टडी करेगी सेना, कानून में बदलाव का सुझाएगी रास्ता

क्या है कांग्रेस का आरोप

आपको बता दें कि रफाल डील को लेकर कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने 41,000 करोड़ रुपये के रफाल करार मामले में भारत द्वारा किए गए विशिष्ट बदलावों (इंडिया-स्पेसिफिक इनहांसमेंट) को लेकर झूठ बोला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से इस पर जवाब मांगा। कांग्रेस का आरोप है कि अभी भी प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री प्रति विमान मूल्य 526 करोड़ से 1,670 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी मामले में झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस के अनुसार 36 रफाल विमान खरीदने पर सार्वजनिक खजाने को 41,000 करोड़ रुपये का घाटा होगा, जो उसी विन्यास (कंफीगेरेशन) के साथ खरीदा गया है, जिसके बारे में करार संप्रग के कार्यकाल में हुआ था। उस समय विमान की कीमत 526 करोड़ प्रति विमान थी, जो अब मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़कर 1,670 करोड़ रुपये हो गई।

 

ट्रेंडिंग वीडियो