scriptभीमा-कोरेगांव हिंसा मामला: जारी रहेगी पांचों आरोपियों की नजरबंदी, सुप्रीम कोर्ट में 17 सितंबर को होगी अगली सुनवाई | 5accused activists to continue to be in house arrest till September 17 | Patrika News

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला: जारी रहेगी पांचों आरोपियों की नजरबंदी, सुप्रीम कोर्ट में 17 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

locationनई दिल्लीPublished: Sep 12, 2018 03:00:22 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

पिछली सुनवाई में न्यायाधीश चंद्रचूड ने पुणे पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की थी।

Supreme Court Big Decision

Supreme Court Big Decision

नई दिल्ली।भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पांचों आरोपियों की नजरबंदी का सिलसिला सोमवार तक जारी रहेगा। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी है। खबरों के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ को बताया कि याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी को बहस करनी थी, लेकिन वह एक अन्य मामले में व्यस्त होने के कारण उपलब्ध नहीं हुए है। पीठ ने इसके बाद पांचों आरोपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य की याचिका पर सुनवाई 17 सितंबर के लिए स्थगित कर दी। बता दें कि इससे पहले भी सुनवाई स्थगित की गई थी।
शिव के ‘आसूंओं’ से बना दी शानदार तस्वीर, 14000 रुद्राक्ष से उकेरा छत्रपति शिवाजी महाराज का चित्र

सभी को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया

पिछले साल भीमा-कोरेगांव गांव में हुई हिंसा के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने वरवरा राव, अरूण फरेरा, वरनान गोन्साल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। शीर्ष अदालत ने 29 अगस्त को सभी आरोपियों को छह सितंबर तक अपने घरों में ही नजरबंद करने का आदेश दिया। उस समय जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, इसे रोका तो यह फट जाएगा। दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि एफआईआर में गिरफ्तार किए लोगों का नाम तक नहीं है, जबकि पुणे पुलिस की ओर से ASG तुषार मेहता कहा था कि याचिका दायर करने वालों का इस मामले का कोई संबंध नहीं है। उसके बाद पुणे पुलिस ने प्रेस वार्ता की।जिस पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस ऐसा कैसे कह सकती है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। प्रेस से बात करने को लेकर असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ( ASG ) तुषार मेहता ने कोर्ट से माफी मांगी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो