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सपा-बसपा गठबंधन में UP की इस वीवीआईपी सीट पर लड़ेगी समाजवादी पार्टी!, जानिये कौन होगा प्रत्याशी

locationमिर्जापुरPublished: Jan 14, 2019 01:40:58 pm

सीट पर समाजवादी पार्टी ने चार बार दर्ज करायी है जीत, दो बार दूसरे नंबर पर रही।

Akhilesh, Mayawati Ajit singh's joint 11 rally from- 7 April, Loksabha

Akhilesh, Mayawati Ajit singh’s joint 11 rally from- 7 April, Loksabha

सुरेश सिंह

मिर्ज़ापुर. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव 2019 के लिये हुए गठबंधन के बाद अब चर्चा इस बात की है कि कौन सी सीट किसके हिस्से में जा रही है। दोनों पार्टियों ने कार्यकर्ताओं और अपने विशेष गुप्त पर्यवेक्षकों के जरिये इस बात का पता लगाया है कि यूपी की 80 सीटों में कहां किसकी दावेदारी मजबूत है। कहा जा रहा है कि कौन सीट किसके पाले में जाएगी इसका ऐलान संभवत: 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन के मौके पर या उसके ठीक बाद हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक यूपी की मिर्जापुर सीट पर सपा की दावेदारी सबसे मजबूत है। समाजवादी पार्टी यहां से चार बार जीत चुकी है। संशय सिर्फ इस बात का है कि यदि 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान के आधार पर निर्णय हुआ तो बसपा इसकी दावेदार होगी, क्योंकि वह मोदी लहर में भी बसपा प्रत्याशी समुद्रा बिंद दूसरे नंबर पर थीं। हालांकि इस सीट पर सपा हमेशा से मजबूत स्थिति में रही है। उसने चार बार मिर्जापुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की तो बसपा ने दो बार।
समाजवादी पार्टी ने पहली बार 1996 के लोकसभा चुनाव में फूलन देवी को प्रत्याशी बनाया। फूलन देवी 2 लाख 97 हजार 998 वोट पा कर भाजपा के वीरेंद्र सिंह को हराकर पहली बार जीत हासिल की। हालांकि मध्यवधी चुनाव हुआ तो सपा हार गयी। पर इसके बाद 1999 में फूलन देवी फिर सपा के टिकट पर जीत गयीं। फूलन की हत्या के बाद 2002 में रामरती बिंद जीत गए और तीसरी बार यह सीट सपा के खाते में चली गयी। सपा और बसपा के बीच कांटे की टक्कर इसी मध्यवधी चुनाव से देखने को मिला।
बसपा पहली बार इस सीट पर 2004 में जीती। पार्टी प्रत्याशी नरेंद्र कुशवाहा ने 2, 01, 942 वोट पाकर जीत हासिल किया। पर एक निजी चैनल के स्टिंग आपरेशन में फंसने के बाद उन्हें लोकसभा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद मध्यावधि चुनाव में बसपा के रमेश दुबे ने यह सीट बसपा के खाते में ही रही। 2007 में हुए लोकसभा चुनाव ने सपा ने चौथी बार सीट पर कब्जा किया। सपा के बाल कुमार पटेल ने 2 लाख 18 हजार 898 वोट पाकर बसपा से सीट छीन लिया।
सपा जहां दो बार इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही तो बसपा तीन बार। लिहाजा मिर्जापुर पर हमेशा से ही सपा का पलड़ा भारी रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सपा और बसपा के गठबंधन में यह सीट किसके खाते में जाती है। तैयारी की बात करें तो सपा और बसपा दोनो दलों से कई प्रत्याशी चुनाव की तैयारी कर रहे है।बसपा की तरफ से जहां पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा, नरेंद्र कुशवाहा और दूसरे स्थान पर रहने वाली समुद्रा बिंद टिकट पाने की रेस में आगे है। वहीं सपा की तरफ से पूर्व राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया भी मजबूत दावेदार हो सकते हैं। इससे पहले वह सपा के टिकट पर वाराणसी से पीएम नरेंद मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं, जहां वो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे।
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