मिर्ज़ापुर और प्रयागराज जिले के लिए 200 क्यूसेक पानी तीन नवम्बर को छोड़ा गया जो उत्तर प्रदेश के पोषक नहर के हेड पर आ गया था, इसके बाद पानी अदवा वैराज पर पहुंच चुका है। अभी तक कुल पांच सौ क्युसेट पानी छोड़ा जा चुका है। बता दें कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने की वजह से जिले के लगभग सभी डैम और वैराज में पानी है। इस लिए बाण सागर परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने कम पानी की मांग किया है जबकि समझौते के मुताबिक बाण सागर परियोजना से यूपी 16 सौ क्युसेट तक पानी ले सकता है।
दरअसल पिछले 42 साल से लटकी तीन राज्य यूपी,बिहार और मध्य प्रदेश की इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद इस वर्ष पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था मगर उद्घाटन के बाद पहली बार पानी देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। मध्य प्रदेश की तरफ से 110 करोङ रूपये मरम्मत लागत के रूप में प्रदेश को भुगतान करने का नोटिस बाण सागर परियोजना से जुड़े अधिकारियों को मिला। इस पर अभी बातचीत चल रही थी कि मध्य प्रदेश ने परियोजना कि तरफ से तय रोस्टर 15 अक्टूबर के बाद पानी नही छोड़ा जबकि अधिकारियों ने 150 क्युसेट पानी देने के लिए सूचित किया था।
पानी न छोड़े जाने के बाद जब यह खबर पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया तो लखनऊ में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से सिचाई विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद 47 करोङ़ रूपया मध्य प्रदेश को देने के लिए जारी होने के बाद पैसे का भुगतान मिलने पर मध्य प्रदेश ने पानी छोड़ा। अब पूरे विवाद के पटाक्षेप और पानी मिर्ज़ापुर पहुचने के बाद अधिकारियों व किसानों ने राहत की सांस लिया है।
BY- SURESH SINGH