इसे भी पढ़ें जहां 6 साल से शासन कर रही है BJP , वहां से गायब हैं करोड़ों रुपये के हिसाब-किताब पिछले मामले के बाद हर किसी की निगाह नगर पालिका पर ही टिकी थी कि इसी बीच परिसर में बड़ी मात्रा में अभिलेख जलाए जाते देखकर हर कोई हैरान रह गया। कर्मचारियों ने कार्यालय से निकाल कर बड़ी काफी फाइलें और अभिलेख आग के हवाले कर दिये। इसकी जानकारी होने पर जब मौके पर मीडिया पहुंचा तो हड़कम्प मच गया और स्टाफ वहां से खिसक लिया। इस बाबत सफाई देते हुए अधिशासिय अभियन्ता विनय तिवारी का ने दावा किया कि जलाये गए सभी अभिलेख पुराने, रद्दी व अनुपयोगी थे। हालांकि अभिलेखों को जलाने से पहले कोई अनुमति ली गयी है या नहीं, इस सवाल पर वह गोलमोल जबाब दे कर बचते नजर आए।
इसे भी पढ़ें भाजपा राज में 26 करोड़ का हिसाब-किताब गायब, अब मामले में शुरू हुई लीपापोती बतादें कि नगरपालिका इन दिनों संदेह के घेरे है। जिले के नोडल अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने पिछले दिनों जब पालिका कार्यालय का निरीक्षण किया तो वहां 26 करोङ रूपये का हिसाब-किताब गायब होने की की बात सामने आयी। इस पर उन्होंने भ्रष्टचार की आशंका जताते हुए इसकी जांच जांच जिला प्रशासन को सौंपी। हालांकि अभी तक इस मामले में जांच शुरू नहीं हो पायी है और इसी बीच पालिका में अभिलेख जलाए जाने से संदेह और गहरा गया है।
फिलहाल नगरपालिका पर पिछले छह सालों से भ्रष्टाचार पर जीरो टोरलेन्स का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। भाजपा नेता मनोज जायसवाल नगरपालिका अध्यक्ष हैं। ऐसे में शासन द्वारा विकास कार्यों के लिय भेजे गए 26 करोङ रूपये के हिसाब-किताब गायब होने और अभिलेखों को जलाये जाने के समय-समय पर काम में कमीशनखोरी और अनियमितता का आरोप झेलने वाली मिर्जापुर नगर पालिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
By Suresh Singh