उसकी मां का कहना है कि एक तरफ दरोगा जी दबाव बनाते रहे तो दूसरी ओर आरोपी युवक लगातार उनके परिवार को धमकी देता रहा। इससे परेशान होकर वह लोग लड़की को लेकर पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत लेकर न्याय मांगने पहुंचे। मुकदमा दर्ज करने और जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगायी। अब जाकर पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश स्वरूप का कहना है कि इस मामले की जांच की जिम्मेदारी चुनार के सीओ को दिया गया है। उनसे जांच कर मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिये कहा गया है। पीड़ित के मन में इस बात की आस जगी है कि उन्हें न्याय मिलेगा। पर इसके साथ ही पुलिस की स्थानीय स्तर पर ऐसे मामलों में कार्यशैली की पोल भी खुल गयी है। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि आखिर इस तरह की घटनाओं में हर बार क्यों पीड़ित जब तक एसपी या बड़े अधिकारियों से शिकायत न करे केस नहीं दर्ज किया जाता।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री ने गद्दी संभालने के बाद सबसे पहला जो आदेश दिया था वह ये था कि सूबे में अपराध पर नियंत्रण हो और महिला अपराध को पूरी तरह से रोका जाए। बावजूद इसके यह नहीं रुका और इसपर लगाम लगाने के दावों की भी ऐसी खबरें हवा निकालती रहती हैं।
By Suresh singh