होटल कोरोना महामारी से बचाव के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे सभी गतिविधियों को सरकार और जिला प्रशासन ने अनुमति दे दी लेकिन शहर में संचालित होटल और रेस्तरां को अनुमति नहीं मिली। रेस्तरां को केवल ऑनलाइन आर्डर लेकर होम डिलीवरी करने की अनुमति दी गई थी। वहीं, हाईवे पर तमाम रेस्तरां और ढाबे संचालित होने से शहर के होटल व रेस्तरां संचालकों का धैर्य जवाब दे रहा था।
मेरठ होटेरियन एंड रेस्टोरेंट के महामंत्री विपुल सिंघल ने बताया कि डीएम होटल रेस्तरां संचालकों की मांग को देखते हुए सोमवार से गतिविधि शुरू करने की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि मेरठ में करीब 225 होटल और रेस्तरां हैं। इनमें काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के परिवार का जीवन भी इन्हीं से चलता है। जब से होटल और रेस्तरां बंद हुए हैं। कर्मचारियों के साथ उनका परिवार भी परेशान है।
डीएम से मिली अनुमति के अनुसार होटल मालिकों को कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। ऐसा न करने पर कार्रवाई होगी। विपुल सिंघल ने बताया कि देश के अनलॉक होते ही सभी प्रकार के प्रतिष्ठान और बाजारों को खोलने की छू दी जा चुकी थी। सिर्फ होटल और रेस्तरां पर ही यह पाबंदी लागू की गई थी। जिसके कारण होटल व्यावसाइयों को लाखों का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि अब जबकि डीएम ने अनुमति प्रदान कर दी है तो यह होटल व्यापारियों के लिए खुशी की बात है।
विपुल सिंघल ने बताया कि फार्म हाउस को खोलने की अनुमति तो पहले से दी हुई है। लेकिन उसमें तेरहवीं भोज इत्यादी की अनुमति नहीं दी गई है। यह समझ से परे हैं। फार्म हाउस में जब अन्य समारोहों की अनुमति दी जा चुकी है तो तेरहवीं पर लगी रोक भी हटानी चाहिए।