scriptExclusive: Lockdown में नहीं बंटी गर्भनिरोधक गोलियां, जिले में बढ़ेगी बच्चा जन्मदर | No contraceptive pills distributed during lockdown | Patrika News
मेरठ

Exclusive: Lockdown में नहीं बंटी गर्भनिरोधक गोलियां, जिले में बढ़ेगी बच्चा जन्मदर

Highlights
-लॉकडाउन के बाद जिले में बढ़ेगा बच्चों की जन्मदर का आंकड़ा
-अप्रैल से जून तक महज 5:85 प्रतिशत गर्भनिरोधक गोलियां बांटी जा सकी

मेरठSep 04, 2020 / 05:42 pm

Rahul Chauhan

Contraceptive

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केपी त्रिपाठी

मेरठ। कोरोना वायरस और लॉकडाउन में गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल घटा है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के ही आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर से 31 मार्च के मुकाबले एक अप्रैल से 20 जून तक महज 5.85 प्रतिशत गर्भनिरोधक गोलियां और 9.02 प्रतिशत कंडोम बांटे जा सके। लॉकडाउन के दौरान यातायात बंद होने से आशा और स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधन नहीं बांट सकीं। कोरोना काल में परिवार नियोजन की रफ्तार भी घटी है।
लॉकडाउन के दौरान यातायात बंद होने से आशा और एएनएम घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधन नहीं बांट सकीं। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के ही आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर से 31 मार्च के मुकाबले एक अप्रैल से 20 जून तक महज 5.85 प्रतिशत गर्भनिरोधक गोलियां और 9.02 प्रतिशत कंडोम बांटे जा सके। इसके अलावा अस्पतालों में भी सिर्फ इमरजेंसी केस को वरीयता दी गई। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन हालात में अगले कुछ दिनों में अनसेफ अबॉर्शन के साथ जन्म दर भी बढ सकती है।
लॉकडाउन के दौरान बढ़ी सेक्सुअल एक्टिविटी :—

जिला अस्पताल की सीएमएस डा मनीषा अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन में लोग घर में ही रहे। इस दौरान सेक्सुअल एक्टिविटी भी बढी। लोग पहले से गर्भनिरोधक साधन नहीं यूज कर रहे थे। इससे गर्भधारण की संभावना भी बढ़ गई है। इस कारण आने वाले दिनों में जन्म दर में इजाफा देखने को मिल सकता है।
नसबंदी के केस हुए कम,अबॉर्शन के केसों में इजाफा :—

वहीं परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा पूजा शर्मा ने बताया कि अस्पताल में अबॉर्शन के केस लगातार आ रहे हैं लेकिन नसबंदी के केस कम आ रहे है। लॉक डाउन में पुरूष नंसबदी कराने से कतरा रहे है।
अंतरा, कॉपर.टी का इस्तेमाल और नसबंदी थमी :—

जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षका डा मनीषा ने बताया कि अस्पतालों में परिवार नियोजन काउंसलर इलाज करवाने जा रहे मरीजों की काउंसलिंग कर भी कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा और एएनएम कंडोम, ओरल पिल्स, छाया गोली, ईसीपी पिल्स बांट रही हैं। इसके उलट कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में ऑपरेशन, नसबंदी, अंतरा इंजेक्शन और कॉपर.टी लगने का काम रुक गया है।
23 लाख महिलाएं अनचाहे गर्भधारण की शिकार :—

फाउंडेशन फॉर रिप्रेडक्टिव हेल्थ सर्विस के अनुमान के मुताबिक, गर्भनिरोधक साधन उपलब्ध न होने और कोरोना संक्रमण के कारण देश में 2 से 3 मिलियन अनचाहे गर्भपात हो सकते हैं। कोरोना वायरस सात लाख असुरक्षित गर्भपात और गर्भावस्था संबंधित मृत्यु का कारण बन सकता है। वहीं, करीब 23 लाख महिलाओं को अनचाहा गर्भधारण करना पडा है।
ये है मेरठ जिले की स्थिति :—

परिवार नियोजन साधन अप्रैल मई जून जुलाई

महिला नसंबदी 26 41 33 111

आईयूसीडी 6 16 35 77

पीआईयूसीडी 175 197 165 270
अंतरा गर्भनिरोध इंजेक्शन 20 16 75 293

छाया साप्ताहिक गोली 278 912 2143 1418

कंडोम 15431 26596 30069 49168

माला एन 1534 2453 3396 6041

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