सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर को कहा था बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य पर लागू होगा। यह केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगा। लेकिन इसके बाद भी मेरठ ही नहीं दिल्ली एनसीआर के अन्य जिलों में भी दिवाली पर खूब आतिशबाजी हुई।
दिवाली पर आतिशबाजी के बाद गाजियाबाद में आनंदविहार का एक्यूआई 900 पर पहुंच गया है। दिवाली पर आतिशबाजी के बाद अब एनसीआर के जिले गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। मेरठ सहित गाजियाबाद और नोएडा में दिवाली पर पटाखों पर लगे प्रतिबंध का खूब उल्लंघन हुआ और जमकर आतिशबाजी हुईं। इसके बाद आज सुबह दिल्ली एनसीआर में धुंध की चादर दिखाई देने लगी है। इसी के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई हैं
दिवाली पर रात 9 बजे के बाद आतिशबाजी तेज हुई तो प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा। मेरठ के सभी आवासीय क्षेत्रों में पटाखे फोड़े जाने की सूचना मिली है। कुछ लोगों ने थाने में फोन करके पटाखा फोड़े जाने की शिकायतें की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख आतिशबाजी के धुएं में उड़ गया। चेतावनियों और पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद… अधिकारी एक बार फिर दिवाली पर आतिशबाजी रोकने में विफल रहे हैं। सवाल उठता है कि सुप्रीम कोर्ट अब क्या रुख अपनाएगा? लोग दिवाली के नाम पर अपने बच्चों को घुट-घुटकर जीने को मजबूर कर रहे हैं।
शाम 4 बजे से मेरठ में आतिशबाजी की आवाज सुनाई देने लगी थी। इसके बाद तक रात 10 बजे दिवाली पर आतिशबाजी अपने पूरे शबाब पर पहुंच गई थी। मेरठ शास्त्री नगर, जैन नगर, जागृति विहार, बेगमपुल, लालकुर्ती, रजबन, सदर बाजार, पल्लवपुरम, कंकरखेडा और गंगानगर जैसे पॉश इलाकों में जमकर आतिशबाजी हुई। गंगानगर इलाके में शाम छह बजे से पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगीं थी।
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प्रतिबंध के बाद भी खूब बिके चोरी छिपे पटाखेमेरठ में प्रतिबंध के बावजूद चोरी छिपे पटाखे बेचें गए। पटाखा व्यापारियों ने अपने घरों में नहीं बल्कि दूसरी जगह पर पटाखों के गोदाम बनाए हुए थे। जहां से चोरी छिपे पटाखा बेचे जा रहे थे। लोगों का कहना है कि थाना पुलिस की मिलीभगत से खूब पटाखा बेचे गए। मेरठ के हर कालोनी और बाजार में पटाखों की दुकाने गुपचुप तरीके से लगाई गई। ऐसा ही हाल गाजियाबाद और दूसरे शहरों का रहा।