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बता दें कि हितेंद्र पुत्र लक्ष्मी सिंह निवासी मौहल्ला देशराज की 17 जनवरी 2014 को नगर के सुभाष गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता ने कोतवाली में महीपाल उर्फ गोटी पुत्र फत्तेसिंह महाशय निवासी सिसाना, प्रदीप उर्फ पप्पू पुत्र खजान सिंह निवासी सिसाना, अजेंद्र पुत्र जबर सिंह निवासी केहरकी (मेरठ), छोटेलाल शर्मा निवासी काठा और एक अज्ञात के विरूद्ध कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था। अपनी शिकायत में उसने बताया था कि महीपाल उर्फ गोटी के साथ प्रोपर्टी का विवाद चल रहा था। 17 जनवरी 2014 को शाम के समय करीब 5 बजे महीपाल उनके मकान पर आया और कहने लगा कि आज इस विवाद को समाप्त कर देते हैं। फैसले के लिए उसने उन्हें अपने साथ गांव सिसाना चलने के लिए कहा। इसके बाद हितेंद्र के साथ उसका पिता व उसकी पत्नी भी सिसाना के लिए चल दिए। यह भी पढ़ें
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हितेंद्र के पिता ने आरोप लगाया था कि जब वह सुभाष गेट पर पहुंचे तो महीपाल की स्कॉर्पियो गाड़ी में प्रदीप उर्फ पप्पू खजान सिंह निवासी सिसाना, अजेंद्र पुत्र जबर सिंह केहरकी थाना सरधना, मेरठ व एक अज्ञात व्यक्ति बैठे हुए थे। जैसे ही वह लोग वहां पहुंचे तो उन्होंने हितेंद्र की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके बाद उसने और उसकी पुत्र वधु ने भागकर जान बचाई थी। विवेचना के दौरान इस हत्याकांड में मिंटू चौहान का नाम भी प्रकाश में आया था, लेकिन सीबीसीआईडी ने अपनी जांच में मिंटू व अजेंद्र को क्लीन चिट दे दी थी। शेष अभियुक्तों के विरूद्ध पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट फाइल की थी। इनमें से महीपाल व प्रदीप के मामले की सुनाई द्वितीय एडीजे स्पेशल एससी-एसटी एक्ट रमेश चंद्र दिवाकर की कोर्ट में हुई। यह भी पढ़ें