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दिवाली से पहले खतरनाक स्तर पर पहुंचा यूपी के इस शहर में प्रदूषण, सांस लेना भी हुआ जानलेवा

locationमेरठPublished: Nov 07, 2018 11:14:22 am

Submitted by:

Iftekhar

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बना मेरठ

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दिवाली से पहले खतरनाक स्तर पर पहुंचा यूपी के इस शहर में प्रदूषण, सांस लेना भी हुआ जानलेवा

मेरठ. शहर में हुई हल्की बारिश से न सिर्फ मौसम खुशनुमा हो गया था, बल्कि मेरठ शहर की आबोहवा भी साफ हो गई थी। लेकिन दीपावली की आतिशबाजी शुरू होने से पहले ही एक बार फिर शहर की आबोहवा खराब होने लगी है। मेरठ मंगलवार को एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर रहा। दिन में लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई। वहीं, दमा के मरीजों की भीड़ चिकित्सकों की दुकानों पर लगी रही। महानगर के बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की सांस में एक तरह से रुकावट डालनी शुरू कर दी है। इस मौसम में पहली बार एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 500 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया, जो सामान्य स्थिति के मुकाबले चार गुणा ज्यादा खराब और खतरनाक स्थिति से दो गुणा है। सोमवार को यह 350 के खतरनाक स्तर पर था। वायु प्रदूषण का यह इंडेक्स एनसीआर में मेरठ का सर्वाधिक खराब बताया जा रहा है। वहीं, गाजियाबाद का इंडेक्स 470 रहा। जो मेरठ के बाद दूसरे नंबर पर रहा। शहर का प्रदूषण लेवल बढ़ने की वजह से लोगों को सड़कों पर चलते समय सांस लेने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लोगों को गला खराब होने की शिकायत रही।

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मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगर यहीं हाल रहा तो दीपावली के दिन यानी बुधवार को प्रदूषण इससे भी अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। दिल्ली के बाद मेरठ और उसके बाद गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। धूल के गुबार असर मंगलवार को बढ़ता दिखाई दिया। इसकी वजह से दोपहर तक दृश्यता स्पष्ट नहीं हुई और आसमान पर धूप निकलने के बावजूद दिन भर धुंआ छाया रहा। दोपहर बाद तो सूरज की किरणों को भी इस धुंध ने अपने आगोश में ले लिया, जिसके कारण दृश्यता और कम हो गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार मेरठ के व्यस्ततम चैराहे बेगमपुल पर पीएम 2.5 का लेवल 504 माइक्रोन प्रतिघन मीटर पहुंच गया, जो एनसीआर में सबसे खतरनाक स्तर रहा।

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इसके कारण आंखों में जलन होने के साथ ही सांस लेने में भी लोगों केा परेशानी महसूस हुई। बच्चे भी इस भयंकर प्रदूषण के शिकार हुए। मौसम विज्ञानियों ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए चेतावनी दी है कि दिवाली तक प्रदूषण की चादर और मोटी होने का अनुमान है। शिमल में होने वाली बर्फबारी के कारण मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ी है।

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