यहां के हालात को देखकर ऐसा लगता है कि बागपत जिले में जंगलराज चल रहा है। हालांकि, यहां की पुलिस रंजिशन हत्याओं को बड़ा अपराध नही मानती। यही वजह है कि बागपत में लूट और अज्ञात शव को छोड़ दिया जाए तो जिले में अब तक 43 हत्याओं ने बागपत की धरती को लाल कर दिया है। सबसे अधिक हत्याएं जमीन के विवाद और अवैध संबंधों के चलते हुई है। जमीनी विवाद में तो अपने ही अपनों के खून के प्यासे बने हुए हैं। कुछ माह पूर्व ही बिनौली थाना क्षेत्र के माल माजरा गांव में एक कलयुगी भाई रमेशपाल ने जमीन के छोटे से टुकडे़ के लालच में अपने सगे छोटे भाई नरेशपाल की हत्या कर शव को खेत में ही दबा दिया था। वहीं, जून माह में छपरौली क्षेत्र के लूंब गांव में भी बड़े भाई प्रदीप ने ढाई बीघा जमीन के विवाद को लेकर अपने छोटे भाई सुधीर की हत्या कर शव गंगनहर में फैंक दिया था। उसका शव आज तक भी बरामद नहीं हो सका है। 24 मई को बड़ौत क्षेत्र के वाजिदपुर गांव में भतीज बहू ने प्रेमी संग मिलकर जमीन के लालच में अपने ससुर को मौत के घाट उतार दिया था।
इसके अलावा सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के बसौद गांव में अवैध संबंधों का पता चलने पर प्रेमी संग मिलकर सऊदी अरब से छुट्टी मनाने पहुंचे सगे भाई की बहन ने ही गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा कैडवा गांव में एक महिला ने भांजे संग मिलकर अपने पति को ही फांसी पर लटका दिया था। इन दोनों वारदातों से जुड़ी अन्य कई घटनाएं जिले भर में सामने आ चुकी है। यही नहीं दहेज हत्या, पुरानी रंजिश, फिरौती, प्रेम प्रसंग आदि को लेकर भी कई लोगों का खून बहाया जा चुका है। जनपद में हुए अपराध का कातिल और कोई नहीं, बल्कि 80 फीसदी अपने ही निकले हैं। इस वर्ष मात्र आठ माह के अंतराल में ही जिलेभर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 43 लोगों की हत्याएं होना समाज के लिए खतरे की घण्टी तो है ही, साथ ही प्रशासन के लिए भी किसी चुनोती से कम नही है। क्योंकि अगर पीड़ितों को सही न्याय मिला तो शायद लोग कानून को अपने हाथ में भी ले सकते हैं।
दरअसल, इसके लिए कही न कही बागपत प्रशासन भी दोषी है। पिछले वर्ष की बात करें तो वर्ष 2017 में कुल 40 लोगों को मौत की नींद सुलाया गया था। लेकिन, प्रतिदिन बढ़ रही अपराधिक घटनाओं के बावजूद पुलिस भी लापरवाही बरतती नजर आ रही है। बागपत में लोगों की जान से खेलना आज खिलौना बन चुका है। नवागंतुक एसपी शेलेष कुमार का कहना है कि उनका प्रयाश लोगों को सही न्याय दिलाना और अपराध को रोकना है, जो भी शिकायतें आ रही है,उन पर तेजी के साथ काम किया जा रहा है ।