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यूपी का बड़ा घोटाला: 3000 करोड़ के खाद्यान्न मामले की जांच करने पहुंची SIT, फंसे सकते हैं बड़े लोग

locationमेरठPublished: Nov 02, 2017 07:07:46 pm

Submitted by:

Rajkumar

58 हजार अपात्र लोगों को राशन दिए जाने की जांच करने पहुंची एसआर्इटी टीम, जिला आपूर्ति कार्यालय में जनवरी 2016 से अप्रैल 2017 तक के दस्तावेज खंगाल रही

SIT Team

मेरठ। यूपी के सबसे बड़े तीन हजार करोड़ के खाद्यान्न घोटाले की जांच शुरू हो गई है। इसके लिए शासन की आेर से एसआर्इटी की टीम भी यहां पहुंच गई है। इस टीम का नेतृत्व एसपी नागेश्वर सिंह कर रहे हैं। दस सदस्यीय इस टीम ने जिला आपूर्ति कार्यालय व ब्लाॅक स्तर जांच शुरू कर दी है। पहले दिन इस टीम ने सारे दस्तावेज एकत्र करने का काम किया। माना जा रहा है कि इस घोटाले कि प्रमाणिकता टीम को मिलती है तो इसमें बड़े-बड़े नामी लोग नपेंगे। पिछले दिनों भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इस मामले को शासन तक पहुंचाया था आैर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का खाद्यान्न घोटाला बताते हुए इसकी जांच कराने की मांग की थी।

SIT Team

यह है मामला

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की माने तो सांठगांठ के जरिए जिला आपूर्ति कार्यालय से सांठगांठ करके गरीबों के नाम फर्जी राशन कार्ड बनवाकर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का खाद्यान्न डकार लिया गया। इसमें 58,002 अपात्र लोगों को यह राशन दिया गया। उन्होंने यह शिकायत शासन को भेजी थी। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराने के निर्देश दिए। बताते हैं कि जनवरी 2016 से लेकर अप्रैल 2017 तक के दस्तावेजों की जांच करवार्इ गर्इ थी। इसमें कुछ गड़बड़ी नजर आने के बाद एसआर्इटी टीम भेजने का निर्णय लिया गया।

SIT Team

शासन से शिकायत

लखनऊ से एसआर्इटी की टीम का नेतृत्व एसपी नागेश्वर सिंह कर रहे हैं। दस सदस्यीय इस जांच टीम में दो-दो इंस्पेक्टरों की पांच टीमें बनार्इ गर्इ हैं। जो अलग-अलग काम कर रही हैं। जिला आपूर्ति कार्यालय में मौजूद इंस्पेक्टर विनाेद त्रिपाठी आैर सुशील उपाध्याय ने बताया कि 58,002 अपात्र लोगों को राशन बांटा गया था। इसकी नगर निगम समेत छह विभागों से जांच भी करार्इ गर्इ थी। उस जांच में कुछ गड़बड़ी के होने अंदेशा के बाद एसआर्इटी टीम जांच के लिए आयी है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2016 से अप्रैल 2017 तक के दस्तावेजों को जिला आपूर्ति कार्यालय से मांगा गया है। यह अभी प्रारंभिक जांच है। अन्य टीमें ब्लाॅक स्तर पर जांच पर लगी हुर्इ हैं। इन दस्तावेजों की जांच के बाद ही इसमें कुछ बताया जा सकता है। टीम के सदस्यों ने इतना जरूर माना कि कहीं न कहीं गड़बड़ी जरूर है।

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