यह है मामला
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की माने तो सांठगांठ के जरिए जिला आपूर्ति कार्यालय से सांठगांठ करके गरीबों के नाम फर्जी राशन कार्ड बनवाकर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का खाद्यान्न डकार लिया गया। इसमें 58,002 अपात्र लोगों को यह राशन दिया गया। उन्होंने यह शिकायत शासन को भेजी थी। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराने के निर्देश दिए। बताते हैं कि जनवरी 2016 से लेकर अप्रैल 2017 तक के दस्तावेजों की जांच करवार्इ गर्इ थी। इसमें कुछ गड़बड़ी नजर आने के बाद एसआर्इटी टीम भेजने का निर्णय लिया गया।
शासन से शिकायत
लखनऊ से एसआर्इटी की टीम का नेतृत्व एसपी नागेश्वर सिंह कर रहे हैं। दस सदस्यीय इस जांच टीम में दो-दो इंस्पेक्टरों की पांच टीमें बनार्इ गर्इ हैं। जो अलग-अलग काम कर रही हैं। जिला आपूर्ति कार्यालय में मौजूद इंस्पेक्टर विनाेद त्रिपाठी आैर सुशील उपाध्याय ने बताया कि 58,002 अपात्र लोगों को राशन बांटा गया था। इसकी नगर निगम समेत छह विभागों से जांच भी करार्इ गर्इ थी। उस जांच में कुछ गड़बड़ी के होने अंदेशा के बाद एसआर्इटी टीम जांच के लिए आयी है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2016 से अप्रैल 2017 तक के दस्तावेजों को जिला आपूर्ति कार्यालय से मांगा गया है। यह अभी प्रारंभिक जांच है। अन्य टीमें ब्लाॅक स्तर पर जांच पर लगी हुर्इ हैं। इन दस्तावेजों की जांच के बाद ही इसमें कुछ बताया जा सकता है। टीम के सदस्यों ने इतना जरूर माना कि कहीं न कहीं गड़बड़ी जरूर है।