हालत चिंताजनक होने पर पांच को आजमगढ़ से वाराणसी या लखनऊ के लिये रेफर कर दिया गया। उधर घटना के बाद से लगातार मुहल्ले के लोग और पुलिस व फायर ब्रिगेड के लोग मलबा हटाकर उसमें दबे लोगों को निकाले में जुटे रहे। मलबे के नीचे दबे लोगों की चीखें साफ सुनायी देती रहीं। डीएम और एसपी भी वहां पहुंचे और अपनी निगरानी में राहत व बचाव कार्य कराते रहे। उधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है था कि ऐसा हादसा उन्होंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा। एक दो मंजिला मकान 10 लोगों की कब्रगाह बन चुका था।
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