बता दें कि 2004 में जनवादी पार्टी की स्थापना यूपी में हुई थी और 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर 41 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था। संजय सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सामाजिक न्याय के नाम पर अति पिछड़ों और अति दलितों का वोट लिया। लेकिन सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण खत्म करने की स्थिति तैयार कर दी है। भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ जनवादी पार्टी पूरे पूर्वांचल में भाजपा की साजिश का पर्दाफाश करेगी। आने वाले 11 नवंबर को मऊ के रेलवे मैदान में सम्राट पृथ्वीराज चौहान जन स्वाभिमान रैली कर जनवादी पार्टी भाजपा के खिलाफ बिगुल फूंकेगी। इस रैली में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।
राजनाथ सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जनवादी पार्टी के मंच से पिछड़ों को आरक्षण देने की घोषणा की थी। इस आश्वासन पर भरोसा करके हमने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसके बाद 2014 और 2017 के चुनावों में भी आश्वासन मिला। बावजूद इसके सरकार बनने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। आरक्षण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पिछड़ों का आरक्षण शून्य करके भर्तियां निकाली जा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के कथनी और करनी में अंतर है। आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में हम समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल होंगे। प्रेस वार्ता के दौरान जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जय आर बाल चौहान, मऊ के जिलाध्यक्ष कृष्ण चन्द्र चौहान, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओमकार चौहान, प्रदेश अध्यक्ष मन्नी सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र निषाद, प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा राम अनुज चौहान आदि उपस्थित रहे।