कटान वाले इलाके में रसूलपुर इलाके के तटवर्ती इलको में है। कटान को देखते हुए बाढ विभाग की तरफ से कोई ठोस उपाय नही किया गया है। नेपाल द्वारा ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से घाघरा का जलस्तर जहाँ बीते चौबीस घंटे में सिचाई विभाग द्वारा जलस्तर मापने के लिए लगाए गए गेज पर 75 सेमी बढ़ कर 68.85 मीटर पहुच गया जोकि बीते पांच जुलाई को घाघरा का जलस्तर 68.10 मीटर था।इस तरह बीते चौबीस घंटे में घाघरा का जलस्तर 75 सेमी बढ़ा। सुबह आठ बजे तक घाघरा का जलस्तर 68.80 था वही आज 68.85 तक पहुच गया। घाघरा के जलस्तर खतरा बिंदु 69.90 से मात्र एक मीटर पांच सेमी नीचे बह रही है। जिस तेजी से घाघरा का जलस्तर बढ़ रहा है जल्द ही खतरा बिंदु पार कर जाएगी। घाघरा के बढ़ते जलस्तर से नगर सहित घाघरा के तटवर्ती इलाकों में दहशत व्याप्त है। दोहरीघाट नगर छेत्र की अनेक ऐतिहासिक धरोहरे मुक्तिधाम, दुर्गा मंदिर,लोकनिर्माण का डाकबंगला, शाही मस्जिद,डीह बाबा का मंदिर,हनुमान मंदिर तथा खाकी बाबा की कुटी ओर खतरा मंडराने लगा है। अगर समय रहते प्रसाशन तथा सिचाई विभाग द्वारा धरोहरो को बचाने का प्रयास नही किया गया तो घाघरा के खतरा बिंदु पर होते ही इनके आस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे। बाढ़ विभाग के अधिशसी अभियंता ने कहा की बढते जलस्तर की जानकारी उच्चाअधिकारियों को दे दिया गया है।
By-Vijay Mishra