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भारत सरकार के सचिव नगर विकास दुर्गा शंकर मिश्र के ट्वीट पर खड़ा हुआ विवाद, कद्दावर नेता सुब्रमण्यम स्वामी दी कड़ी प्रतिक्रिया, जानिए पूरा मामला!

locationमथुराPublished: Jun 11, 2019 10:38:37 am

Submitted by:

suchita mishra

-भारत सरकार के सचिव ने कुंडों के जीर्णोद्धार में इस एनजीओ से सीख लेने की दे दी नसीहत-भाजपा के कद्दावर नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भारत सरकार के सचिव के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी

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मथुरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार हृदय योजना के वृंदावन व मथुरा में क्रियान्वयन पर भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने अफसरों को द ब्रज फाउंडेशन के योगदान से नसीहत लेने की बात कही है। उन्होंने न केवल अधिकारियों के साथ मीटिंग में ब्रज फाउंडेशन द्वारा जीर्णोद्धार किए गए ब्रह्म कुंड, रामलाल (वृंदावन) व जय कुंड (जैंत) की सराहना की बल्कि अपने ट्विटर हैंडल से भी इस बात को रेखांकित किया है। शनिवार को ही उन्होंने मथुरा-वृंदावन में इस योजना के क्रियान्वयन का बारीकी के साथ निरीक्षण किया था। इस दौरान उनके साथ ब्रजतीर्थ विकास परिषद, प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। उनकी इस टिप्पणी से ब्रजतीर्थ विकास परिषद के योजना क्रियान्वयन के तौर-तरीकों पर गंभीर सवाल खड़ा हुआ है।
निरीक्षण के बाद किया ट्वीट
भारत सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शनिवार को मथुरा और वृंदावन में ह्दय योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यो का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के बाद सचिव ने अपने ट्वीटर हैंडल से द ब्रज फाउंडेशन की कार्यशैली की तारीफ की, इससे पहले उन्होंने मीटिंग में अधिकारियों को फाउंडेशन से नसीहत लेने की बात कही। मजेदार बात ये है कि भारत सरकार के सचिव ने जिस एनजीओ के कार्यो की तारीफ की उसके खिलाफ एनजीटी ने कड़ा कदम उठाया था। कुंडों के रखरखाव के तौर तरीकों, मूलस्वरूप से छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार के सचिव एनजीटी के निर्णय से इत्तेफाक नहीं रखते या वो उसके फैसले को खुलेआम चुनौती दे रहे है?
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर दिया जवाब
इस पूरे प्रकरण पर नया मोड़ तब आ गया जब भाजपा के कद्दावर नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भारत सरकार के सचिव के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। पूरे मामले को मंत्रालय में उठाने की बात कही है। भारत सरकार के सचिव के रुख के बाद अधिकारी भी पशोपेश में है वो एनजीटी के दिशा निर्देशों का पालन करें या फिर अपने अधिकारी की नसीहत को तवज्जो दें।

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