पंडित प्रमोद गौतम ने पौष पूर्णिमा के महत्व के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि पौष माह की पूर्णिमा 27 नक्षत्रों के राजा पुष्य नक्षत्र से युक्त होती है। 21 जनवरी 2019 को सूर्योदय की उदित तिथि में पुष्य नक्षत्र युक्त पूर्णिमा है, जिसमें पुष्य नक्षत्र 21 जनवरी 2019 को पूरे दिन व अर्ध्य रात्रि के बाद 2 बजकर 47 मिनट तक रहेगा, लेकिन इस बार पौष पूर्णिमा सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक ही है। पौष माह की पूर्णिमा को मोक्ष की कामना रखने वाले बहुत ही शुभ मानते हैं। इसके बाद माघ महीने की शुरुआत होती है। माघ महीने में किए जाने वाले स्नान की शुरुआत भी पौष पूर्णिमा से ही हो जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक प्रात:काल स्नान करता है वह मोक्ष का अधिकारी होता है। उसे जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुटकारा मिल जाता है अर्थात उसकी मुक्ति हो जाती है। चूंकि माघ माह को बहुत ही शुभ व इसके प्रत्येक दिन को मंगलकारी माना जाता है इसलिए इस दिन जो भी कार्य आरंभ किया जाता है उसे फलदायी माना जाता है। इस दिन स्नान के पश्चात क्षमता अनुसार दान करने का भी महत्व है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि पौष पूर्णिमा के दिन ही शाकंभरी जयंती भी मनाई जाती है। जैन धर्म के मानने वाले पुष्याभिषेक यात्रा की शुरुआत भी इसी दिन करते हैं। वहीं छत्तीसगढ के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आदिवासी इसी दिन छेरता पर्व भी मनाते हैं।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्ष 2019 में पौष पूर्णिमा व्रत 21 जनवरी को है। पवित्र माह माघ का स्वागत करने वाली इस मोक्षदायिनी पूर्णिमा पर प्रभु भक्ति व स्नान ध्यान, दानादि से पुण्य मिलता है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि पौष माह की पूर्णिमा पर 21 जनवरी, 2019 को पूर्ण चन्द्र ग्रहण दर्शनीय होगा। विश्व के अन्य देशों में लेकिन भारत में यह द्रष्टिगोचर नहीं होगा। इसलिए चन्द्र ग्रहण के सूतक धार्मिक क्रियाओं में भारत में मान्य नहीं हैं। यह चन्द्र ग्रहण वर्ष 2019 में यह पहला चन्द्र ग्रहण होगा। पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि यह 1.19 के परिमाण का पूर्ण चन्द्र ग्रहण है, इसलिए अधिकतम ग्रहण के दौरान चन्द्रमा पृथ्वी की उपच्छाया से पूर्ण रूप से छिप जायेगा। ग्रहण के समय सूर्य के प्रकाश द्वारा चन्द्रमा लाल रंग में प्रक्षेपित होगा। पूर्ण ग्रहण की सबसे लंबी अवधि 1 घंटा, 1 मिनट और 17 सेकेंड होगी