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कृषि उपनिदेषक मथुरा धुरेन्द्र कुमार का कहना है कि यह प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है। हमारे यहां से फीड डाटा तहसीलों को भेजा जाता है। इसके बाद दिल्ली से पूरी प्रक्रिया होती है। अब लाभार्थी किसानों की संख्या में कमी क्यों आ रही है, इस बारे में हम ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए वेबसाइट पर जाकर खुद आवेदन कर सकते हैं। उन्हें किसी अधिकारी के कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक जनपद में पात्र किसानों की संख्या करीब पांच लाख है। यह भी पढ़ें- राजधानी की एसएलआर बोगी का ताला तोड़कर लूट का प्रयास, चलती ट्रेन से फेंका सामान चुनावी जुमला भर है यह योजनाः भाकियू
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लागू की गई ये योजना सिर्फ चुनावी जुमला था। यही वजह है कि चुनाव से पहले सभी को दो हजार रुपये देकर खुश करने का प्रयास किया गया। पहली किश्त पाने वाले दूसरी और तीसरी किश्त में अपात्र कैसे हो गये। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लागू की गई ये योजना सिर्फ चुनावी जुमला था। यही वजह है कि चुनाव से पहले सभी को दो हजार रुपये देकर खुश करने का प्रयास किया गया। पहली किश्त पाने वाले दूसरी और तीसरी किश्त में अपात्र कैसे हो गये। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।
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सरकार ने किसानों को दिया धोखाः कांग्रेस
जिला कांग्रेस के मीडिया प्रभारी विनेश सनवाल का कहना है कि इस योजना से बाहर किये गये किसान वास्तव में अपात्र हैं तो इन्हें पहली किश्त जारी क्यों की गई। चुनावी लाभ लेने के लिए सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।