रालोद उपाध्यक्ष के मथुरा में जनसभाओं की तैयारियों में पार्टी पदाधिकारी जुट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक हेमा मालिनी के सामने जाटलैंड में जयंत चौधरी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर यहां पर राजनीतिक जमीन तैयारी की जा रही है। हालांकि उनके चुनावी मैदान में आने से दावेदारों में भी खलबली मची हुई है। स्थानीय दावेदार चाहते हैं कि जयंत चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत की कमान संभालें। लेकिन, अचानक दो दिन मथुरा में सभा की जानकारी मिलने से सभी हैरान हैं। बता दें कि पिछले छह महीनों से जयंत चौधरी मथुरा से दूर थे।
हाल में रालोद ने ठाकुर तेजपाल सिंह को पार्टी में शामिल कराया है। ठाकुर तेजपाल सिंह पूर्व मंत्री व तीन बार से छाता क्षेत्र के विधायक रहे हैं। वहीं दावेदार की दौड़ में गठबंधन से लगभग एक दर्जन नामों पर इन दिनों चर्चाएं चल रही हैं। इनमें प्रांतीय महासचिव राजेंद्र सिंह सिकरवार, सर्व जातीय मंच के नेता एचपी सिंह परिहार, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनूप चौधरी, सादाबाद के पूर्व विधायक अनिल चौधरी, डॉ. अशोक अग्रवाल, कुवंर नरेंद्र सिंह प्रमुख हैं। कु. चरत प्रताप सिंह का नाम भी दावेदारों में शुमार हैं।
जयंत चौधरी मथुरा से एक बार सांसद रहे हैं। जब भारतीय जनता पार्टी और रालोद का गठबंधन था। उस दौरान जयंत चौधरी ने करीब ढाई लाख वोटों से जीत हासिल की थी। लेकिन, 2014 में हेमा मालिनी ने उन्हें करीब साढ़े तीन लाख वोटों से हराया था। इसके बाद रालोद जाटलैंड में जमीन तैयार करने में जुटा हुआ है।