scriptकिसान ऋण योजना में हुआ बड़ा ‘खेल’, फर्जी तरीके से हुआ करोड़ों का लोन पास | Fraudulently Bank Loan pass on name of Farmer loan scheme | Patrika News

किसान ऋण योजना में हुआ बड़ा ‘खेल’, फर्जी तरीके से हुआ करोड़ों का लोन पास

locationमथुराPublished: Feb 23, 2019 11:38:11 am

लेखपाल, मैनेजर और दलालों के सिंडिकेट की काली करतूत सामने आई है।

Fraud

पीम मोदी की किसान ऋण योजना में हुआ बड़ा ‘खेल’, फर्जी तरीके से हुआ करोड़ों का लोन पास

मथुरा। सरकार देश में भले ही मोदी की हो और देश के प्रधानमंत्री का साफ कहना है कि न खाऊंगा न खाने दूंगा लेकिन मथुरा से एक ऐसा जालसाजी व धोखाधड़ी का मामला सामने आया है जिसने न केवल दूसरे के हक पर डाका डाला बल्कि मोदी की लोन स्कीम को ही निशाना बनाते हुए करोड़ों रूपए का फर्जी लोन पास करा दिए। करोड़ों रूपए के फर्जी लोन के मामले के सामने आने के बाद प्रशासन हमेशा की तरह जांच की बात कह रहा है।
ये है मामला

जनपद में लेखपाल, मैनेजर और दलालों के सिंडिकेट की काली करतूत सामने आई है। जिले में राजस्व विभाग के लेखपाल और बैंक मैनेजर की सांठ-गांठ से करोड़ों का फर्जी लोन पास हो गया और इसकी भनक असल किसान को लगी ही नहीं। जब किसानों को इसका पता चला तो उनके होश उड़ गए। इसकी शिकायत निचले स्तर पर की गई तो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला। किसान द्वारा अब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर सर्वोच्च न्यायालय, मुख्य सर्तकता आयोग व मुख्यमंत्री सहित अन्य जगह की गई है। इस मामले में भूरा पुत्र गंगा निवासी बाबूगढ़ पोस्ट बड़ी आटस जिला मथुरा ने प्रधानमंत्री सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय इलाहाबाद, मुख्य सकर्तकता आयोग नई दिल्ली, सी.बी.सी.नई दिल्ली, प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव सकराया खादर तहसील में सिंडीकेट बैंक शाखा सुनरख बांगर मथुरा द्वारा फर्जी खतौनी के आधार पर करीब तीन दर्जन लोगों को कृषि ऋण दिलवाए गए हैं, जबकि जिनकी जमीन है उन किसानों को इसका पता ही नहीं कि किसने उनकी जमीन पर ऋण ले लिया। करोड़ों रुपए का फर्जी लोन राजस्व विभाग के लेखपाल व बैंक मैनेजर की सांठ-गांठ से दिया गया है। इस संबंध में उसके द्वारा पूर्व में शिकायत की गई थी। बैंक के प्रधान कार्यालय में भी उसने शिकायत की, जिसकी कार्रवाई जिला स्तर पर लीड बैंक के द्वारा की जा रही है, किन्तु उसे पता चला है कि फर्जी ऋण दिलाने वालों का बड़ा गिरोह है। वह पुन:फर्जी जमीन के दस्तावेज तैयार कर जांच की दिशा को मोड़ना चाह रहे हैं, क्योंकि फर्जी खसरा खतौनी तैयार करने वाले संबंधित लेखपाल सकराया खादर के पास ही समस्त राजस्व का अभिलेख है। जिन लोगों ने लोन लिया है उन व्यक्तियों के नाम पर कहीं भी भूमि नहीं है। फर्जी कागजातों पर जो ऋण दिया गया वह सूची केवल जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक की है, जबकि इसके बाद व इससे पूर्व भी सैकड़ों व्यक्तियों को फर्जी ऋण फर्जी जमीन दर्शा कर दिया गया है। बैंक के दलाल व गुंडे उसे शिकायत वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वापस न लेने पर उसे जानसे मारने की धमकी भी दी जा रही है।
शिकायत लेने के लिए धमकी

वहीं सर्वे कार्य पूर्ण होने के बाद भी इसके कागजात तहसील में नहीं भिजवाए जा रहे हैं, क्योंकि सकराया खादर की खतौनी की नकल आज भी लेखपाल द्वारा हाथ से बनाकर दी जाती है। इसके अलावा आईओवी जैंत व एसबीआई छटीकरा बैंकों की शाखा से भी सैकड़ों फर्जी लोन पास हुए हैं। इस संबंध में जब उप जिलाधिकारी क्रांति शेखर सिंह से फर्जी ऋण घोटाले के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने उसे गंभीर मामला मानते हुए कहा कि अगर किसी भी किसान की जमीन पर किसी के द्वारा ऋण लिया गया तो वह इसकी जांच कराएंगे।
अधिकारियों का लापरवाह रवैया

शिकायतकर्ता भूरा लगातार सिंडिकेट के खुलासे की मांग कर अधिकारियों के चक्कर काट रहा है तो वहीं अधिकारियों का अभी भी मामले को इतनी गंभीरता से न लेना अपने आप मे बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब देखना होगा कि क्या यह मामला भी हमेशा की तरह जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जायेगा या फिर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में आ पाएगी ।

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