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Big News: जवाहरबाग कांड में आया न्यायालय का बड़ा फैसला, 43 कब्जाधारियों को कोर्ट ने सुनाई सजा

locationमथुराPublished: Jan 21, 2019 07:05:52 pm

एसओ संतोष यादव और एसपी सिटी मुकुल की हुई थी हत्या, रामवृक्ष यादव ने किया था जवाहरबाग पर कब्जा

jawahar bagh kand

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मथुरा। जवाहरबाग पर कब्जा करने के मामले 43 कब्जाधारियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। ये सजा 15 मार्च 2016 को जवाहरबाग में आलू खुदाई कर रहे उद्यान कर्मियों के साथ मारपीट करने और उन्हें बंधक बनाने के मामले में हुई है। अदालत ने रामवृक्ष यादव के कमांडर चंदन बोस की पत्नी समेत दो महिलाओं को बरी कर दिया है।
कब्जाधारियों ने बंधक बनाया था
मथुरा में जवाहरबाग पर कब्जा किए रामवृक्ष यादव और उसके समर्थकों ने साल 2016 की मार्च में आलू की खुदाई कराने पहुंचे उद्यान विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी। कब्जाधारियों की भीड़ ने सभी को बंधक भी बना लिया था। बाद में मौके पर भारी पुलिस फोर्स पहुंची और बंधक कर्मियों और मजदूरों को किसी तरह से मुक्त कराया था। इस मामले में उद्यान विभाग के इंस्पेक्टर रामस्वरूप शर्मा ने रामवृक्ष यादव, चंदन बोस समेत करीब डेढ़ सौ-दो सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस, किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।
कोर्ट ने इन्हें माना दोषी
कोर्ट ने गवाहों के बयान के बाद 43 कब्जाधारियों को दोषी मानते हुए तीन तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 2300-2300 रुपये का जुर्माना भी किया गया है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई एसीजेएम द्वितीय सीनियर डिवीजन जहेंद्रपाल सिंह की अदालत में हुई। वहीं, अदालत ने चंदनबोस की पत्नी पूनम बोस और लखीमपुरखीरी निवासी श्यामवती को बरी कर दिया है।
दो जून को हुआ था बड़ा हमला
गौरतलब है कि इस घटना के बाद 2 जून 2016 को हुए जवाहर बाग कांड ने देश को हिलाकर रख दिया था। इस कांड में हुई हिंसा एसपी मुकुल और एसओ संतोष यादव सहित 27 लोगों की मौत हुई थी।

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