अपनी ही नीति से पलट रही सरकार: बंसल बंसल ने कहा कि एक तरफ सरकार साल 2025 तक पेट्रोल पंप बंद कर उसे वैकल्पिक ईंधन से बदलने की घोषणा करती है। लेकिन, अब वे नए पेट्रोल पंप का आवंटन करने के लिए विज्ञापन दे रहे हैं। तो आखिरकार सही नीति क्या है? वर्तमान में, भारत में तीन सरकारी तेल विपणन कंपनियों (ओएमसीज) – भारत पेट्रोलियम कॉर्प लि. (बीपीसीएल), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लि. (एचपीसीएल) और इंडियन ऑयल कॉर्प लि. (आईओसीएल) के कुल 56,000 रिटेल पेट्रोल पंप हैं, जबकि निजी कंपनियों के अन्य 6,000 आउटलेट्स हैं। ओएमसीज के इन ईंधन स्टेशनों पर औसत मासिक बिक्री 120-130 किलोलीटर की होती है और पेट्रोल-डीजल की सालाना मांग करीब 4 फीसदी की दर से बढ़ती है।
पेट्रोल पंप कारोबार से निकलना चाहते हैं कई डीलर: दारुवाला एआईपीडीए के राष्ट्रीय प्रवक्ता अली दारुवाला ने कहा कि वर्तमान में कई डीलर इस कारोबार से बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन बाहर निकलने के इच्छुक डीलरों के लिए कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि ओएमसीज उन्हें वह जमीन नहीं लौटाएगी, जिस पर पेट्रोल पंप बने हुए हैं। दारुवाला ने कहा कि सरकार एक तरफ जहां बिजली, बॉयफ्यूल, सीएनजी जैसे वैकल्पिक ईंधन ला रही है और वहीं, पेट्रोल पंप की संख्या बढ़ा रही है तो ये मौजूदा कारोबार को नुकसान पहुंचानेवाला होगा।
सरकार के फैसले से डीलरों की बिक्री घटेगी: लोध फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (एफएएमपीईडीए) के अध्यक्ष उदय लोध ने कहा कि रिटेल आउटलेट को दोगुना करने के प्रस्ताव से वर्तमान और नए आनेवाले डीलरों दोनों की औसत बिक्री घटेगी। लोध ने कहा कि ऐसी निराशाजनक परिस्थितियों में पेट्रोल पंप डीलर दूसरा कारोबार या चाय-पकौड़े के स्टॉल खोलने पर मजबूर हो जाएंगे, ताकि अपने खर्चो को पूरा कर सकें।