ऐसे हो रही धोखाधड़ी जिस समय आप अपनी गाड़ी में तेल भरवाने के लिए पेमेंट करते समय कार्ड का पिन नंबर टाइप करते हैं ठीक उसी समय पेट्रोल पंप पर इस रैकेट से जुड़े लोग संबंधित गाड़ी के ठीक पीछे किसी न किसी बहाने घूमते रहते हैं। वे लोग कार्ड का पिन नंबर देख लेते हैं और फिर उसे किसी को वॉट्सऐप कर देते हैं ।
फिर बनता है आपके कार्ड का क्लोन आपके कार्ड का नंबर जानकर ये शातिर अपराधी लोग पेट्रोल पंप के लोगों से मिलकर कार्ड क्लोन कर लेते हैं। फिर वह मूल मशीन में दोबारा कार्ड स्वाइप करता है। कार मालिक के पास स्वाइप मशीन लेकर उससे पिन नंबर टाइप करने को कहता है। जब तक लोगों को पता चलता है, तबतक ठग अपना काम कर आपको चपत लगा चुके होते हैं।
इस तरह आपका पैसा दूसरे अकाउंट में होता है ट्रांसफर इनके पास मशीन में एक खास सॉफ्टवेयर लगा होता है। जिसके जरिए ये कार्ड को क्लोन करके आपके खाते का पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं। इस काम के लिए पेट्रोल पंप कर्मचारियों को कुल रकम का 40 फीसदी कमीशन फिक्स होता है।