scriptआंकड़ों में खुलासा: नरेंद्र मोदी नही बल्कि मनमोहन सिंह और नरसिमहा राव थे निवेशकों की पहली पसंद | Know which PM is better for market returns | Patrika News

आंकड़ों में खुलासा: नरेंद्र मोदी नही बल्कि मनमोहन सिंह और नरसिमहा राव थे निवेशकों की पहली पसंद

locationनई दिल्लीPublished: May 19, 2019 07:20:55 am

Submitted by:

manish ranjan

प्रधानमंत्री और इकोनॉमी की दिशा
किस पीएम ने दिलाया कितना रिटर्न
कांग्रेस में बीजेपी से मारी बाजी

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आंकड़ों में खुलासा: नरेंद्र मोदी नही बल्कि मनमोहन सिंह और नरसिमहा राव थे निवेशकों की पहली पसंद

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। चुनावों को देश का सबसे बड़ा इवेंट माना गया है। जिसका असर पूरी इकोनॉमी और शेयर बाजार पर भी होता है। शेयर बाजार और चुनाव का हमेशा से ही गहरा कनेक्शन रहा है। जब जब देश में चुनाव हुए है तब तब शेयर बाजार में भी उठापटक दर्ज की गई है, फिर चाहे सरकार को भी हो। लेकिन जहां तक निवेशकों की कमाई की बात है तो इसमें कांग्रेस ने ही बाजी मारी है। इस मोर्चे पर अटल बिहारी बाजपेयी और नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार फिसड्डी साबित हुई है।
नरसिम्हा राव ने कराया सबसे ज्यादा फायदा

पूर्व प्रधाननमंत्री दिवंगत नरसिम्हा राव शुरु से ही अपने दूरदर्शिता के लिए जाने जाते थे। शायद यही वजह है कि उनके कार्यकाल में शेयर बाजार मे अबतक का सबसे ज्यादा रिटर्न निवेशकों को दिया है। नरसिम्हा राव 21 जून 1991 को देश के प्रधानमंत्री बने थे। उस दिन शेयर बाजार का सेंसेक्स 1337 अंक पर था। लेकिन जब 16 मई 1996 को उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया तब शेयर बाजा का सेंसेक्स 3823 अंक पर पहुंच चुका था। मतलब नरसिम्हा राव के कार्यकाल में बाजार ने निवेशकों को 186 फीसदी की रिटर्न दिया है।
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अटल बिहारी बाजपेयी के तीनों कार्यकाल में निराशा

कांग्रेस सरकार में एक ओर जहां निवेशकों ने खूब कमाई की। वहीं बीजेपी के अटल बिहारी बाजपेयी सरकार से निराशा हाथ लगी। हालांकि अटल बिहारी बाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। लेकिन तीनो बार निवेशको को निराशा ही हाथ लगी। पहले कार्यकाल में निवेशकों को -3 फीसदी का रिटर्न मिला। तो दूसरी बार 30 फीसदी का रिटर्न मिला। बाजपेयी जी के अंतिम कार्यकाल में तो निवेशकों को 0 फीसदी का रिटर्न मिला।
मनमोहन राज में दिखा भरोसा

मई 2004 में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनी। इस बार कमान इकोनॉमी की नब्ज पकड़ने वाले मनमनोहन सिंह के हाथ में थी। मनमोहन राज में बाजार ने भी रफ्तार पकड़ी। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में निवेशकों को पहली बार नरसिम्हा राव की तरह रिटर्न देखने को मिला। इस दौरान बाजार से निवेशकों को 180 फीसदी का रिटर्न मिला।
उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा मोदी राज

मोदी राज की तुलना अगर मनमोहन सिंह और नरसिमहा राव से करें तो मोदी राज में निवेशकों को उतना रिटर्न मिला जितना इन दोनों प्रधानमंत्रियों ने दिलाया। मई 2014 से 13 मई 2019 तक निवेशकों को केवल 52% फीसदी का ही रिटर्न मिला।
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