हर साल मार्च माह में रुपए में रहती है तेजी
भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। साथ ही कई ओपिनियन पोल में भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार एक बार फिर से बनती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में बाजार को लेकर घरेलू निवेशकों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है। इसके अतिरिक्त निर्यातक वित्त वर्ष के अंत में अपने वार्षिक अकाउंट को सेटल कर रहे हैं व कर्ज का भुगतान कर रहे है। ऐसे में विदेशी निवेश के माध्यम से भारतीय बाजार में डॉलर भी आ रहा है। बाजार जानकारों का कहना है कि, आमतौर पर मार्च के महीने में रुपए में तेजी देखने को मिलती है, लेकिन मोदी फैक्टर से भी विदेशी निवेश बढ़ रहा है।
बीते चार सालों में 3 साल मार्च के दौरान रुपए में रही तेजी
भारतीय रिजर्व बैंक भी नजर बनाए हुए है कि डॉलर के मुकाबले रुपया एक स्टैंडर्ड स्तर पर रहे। एक सरकारी बैंक के फॉरेक्स डीलर का कहना है कि हमें उम्मीद है कि रुपए के 69.50 के स्तर से अधिक होने पर आरबीआई दखल दे सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, 2016 के बाद से देखें तो 2018 को छोड़कर 4 में से 3 बार मार्च के महीने में रुपया 3 फीसदी से भी अधिक उछला है। हालांकि, इस बढ़त में मार्च के बाद रुकावट देखने को मिल सकता है। वहीं, यदि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए की सरकार एक बार फिर से बनती है तो बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।