इन विनिवेश से भी मिली पूंजी
इसके अतिरिक्त, सरकार भारत-22 ETF की तरफ से भी 10,000 रुपए जुटाने में सफल रही है। इसमें 49,528 करोड़ रुपए की बोली लगी थी जिसमें विदेशी निवेश के रूप में 38,000 करोड़ रुपए आैर रिटेल खरीदरों की तरफ से 2 हजार करोड़ रुपए मिले। इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन (आर्इआेसी) की तरफ से शेयर बायबैक से 2,647 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जबकि भेल, एनएचपीसी आैर कोचिन शिपयार्ड से सरकार को विनिवेश के रूप में क्रमशः 992, 398 व 137 करोड़ रुपए जमा करने में सफलता मिली है।
एनएलसी शेयर बायबैक से 990 करोड़ रुपए, NALCO व KIOCL की तरफ से क्रमशः 260 करोड़ रुपए व 205 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। HSCC के स्ट्रैटेजिक विनिवेश से भी 285 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। अोएफएस कोल इंडिया से 5,218 करोड़ रुपए आैर CPSE ETF के माध्यम से 17,000 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। बता दें कि भारत-22 ETF से भी 8,325 करोड़ रुपए जून 2018 में इकट्ठा हुआ था।
RITES, IRCON, MIDHANI व गार्डन रिच शिपबिल्डर्स जैसे पब्लिक सेक्टर कंपनियों के माध्यम से भी 1,700 करोड़ रुपए जमा हुआ है। गौरतलब है कि मार्च में खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 80,000 करोड़ रुपए विनिवेश के माध्यम से जुटाने का लक्ष्य रखा था। अगले वित्त वर्ष के लिए इस लक्ष्य में 10 हजार करोड़ रुपए का इजाफा करते हुए 90,000 करोड़ रुपए रखा गया है।
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