अक्टूबर से दिसंबर में होगा बड़ा उथल-पुथल जेग्गी ने कहा कि इस साल की अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर) के दौरान बड़ा उथल-पुथल देखा जा सकता है जो ईरान पर लगने वाले प्रतिबंध की अवधि और उसके आकार पर निर्भर करेगा। आपूर्ति में अचानक 20 लाख बैरल रोजाना की कमी के लिए बाजार बिल्कुल तैयार नहीं है। अमरीका ने ईरान पर वित्तीय प्रतिबंध पहले ही लगा दिए हैं। वह 04 नवंबर से उसके कच्चा तेल निर्यात पर प्रतिबंध की योजना बना रहा है तथा अन्य देशों पर ईरानी क्रूड के आयात पर प्रतिबंध के लिए दबाव बना रहा है।
नववर्ष पर मिल सकता है बड़ा झटका ट्राफिगुरा के तेल कारोबार के सह प्रमुख बेन लुकॉक ने कहा कि क्रिसमस तक कच्चा तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल तक और नव वर्ष तक 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को ब्रेंट क्रूड के दाम 2.14 डॉलर यानी 2.7 फीसदी चढ़कर 80.94 डॉलर तक पहुंच गए जो नवंबर 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है। हालांकि, बाद में थोड़ी नरमी के साथ यह 80.75 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। अमरीकी लाइट क्रूड का वायदा भी 1.25 डॉलर महंगा होकर 72.03 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। तेल निर्यातक देशों के प्रमुख संगठन ओपेक ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आह्वान को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने ओपेक से उत्पादन बढ़ाने की अपील की थी। सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत में सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फालिह ने कहा कि मैं कीमतों को प्रभावित नहीं करता। आपको बता दें कि ओपेक के इनकार के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को जबरदस्त उछाल देखा गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)