विश्राम स्थल से शामिल हुए शिवराज
नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की अंतिम यात्रा में करीब ढाई घंटे तक शहर में भ्रमण करने के बाद जब मुक्तिधाम क्षेत्र में पहुंची तो यहां विश्राम स्थल से शिवराज भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। यहां से वह मुक्तिधाम तक साथ चले। शिवराज के अलावा बंधवार को अंतिम विदा देने कई बड़े नेताओं के साथ ही हजारों की संख्या में शहरवासी भी शामिल हुए। शोकसभा में पूर्व गृहमंत्री कैलाश चावला, पूर्व ऊर्जा मंत्री पारस जैन, सांसद सुधीर गुप्ता, पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा, बंशीलाल गुर्जर, गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़, जावरा विधायक राजेंद्र पांडे, मनासा विधायक माधव मारु, सुवासरा विधायक हरदीपसिंह डंग, पूर्व विधायक नवकृष्ण पाटिल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रकाश रातडिय़ा सहित कई नेता उपस्थित थे।
मंदसौर नपाध्यक्ष बंधवार की हत्या के मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि मैं इस मामले में कोई राजनीति नहीं करना चाहता। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जो कहा कि यह भाजपा का अंदरुनी मामला है, वह गलत है। हत्या किसी दल से जुड़ी नहीं होती। हत्या का दोषी- दोषी होता है। एक जननेता की हत्या हुई है। इसके षड्यंत्र के पीछे कौन है, यह पता लगना चाहिए। इसलिए उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा हूं। सत्ता नहीं है। इसलिए उनके बारे में कुछ नहीं कहना, लेकिन उन्होंने यह पार्टी का अंदरुनी मामला बताकर गलत किया है। मेरे पास जनता का विश्वास और भरोसा है और इसी के बल पर मैं जनता के लिए संघर्ष करुंगा। संघर्ष का माद्दा मुझमें है। बंधवार के हत्यारों को जल्द और कड़ी सजा मिले। यह हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि मंदसौर ने एक ऐसा जननेता खोया है जो सबके दिलों में राज करता था। हर शहरवासी उन्हें प्यार करता था। चाय की दुकान गुमटी चौपाल और गरीब वर्ग के लिए खड़ा होने वाले जनसेवी और लोकप्रिय नेता की हत्या हुई है। वह दूसरी बार नपाध्यक्ष बने थे। आज उन्हें श्रंद्धाजलि देने पूरा शहर यहां मौजूद है। यह एक अपूर्णनीय क्षति है। इसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता। बड़े गौर से सुन रहा था जमाना तुम ही सो गए दास्तां कहते कहते। हम संकल्प लेते है। हत्यारे सजा पाए। कड़ा दंड उन्हें मिलें। कोई कसर नहीं छोडेंंगे। यह साधारण घटना नहीं। सरकार सबकी होती है, इसको ऐसा रंग नहीं देना चाहिए। हत्या- हत्या होती है। ऐसी सजा मिले की फिर सरेआम किसी और की हत्या नहंी हो। उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। अन्याय हो तो संघर्ष करने का माद्दा है। जब तक सांस रहेगी। जनता के लिए संघर्ष करुंगा।