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24 दिन ओर गुरु रहेंगे अस्त, विवाह के लिए नहीं शुभ मुहूर्त

locationमंदसौरPublished: Nov 16, 2018 01:45:56 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

24 दिन ओर गुरु रहेंगे अस्त, विवाह के लिए नहीं शुभ मुहूर्त

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24 दिन ओर गुरु रहेंगे अस्त, विवाह के लिए नहीं शुभ मुहूर्त

मंदसौर.
इस वर्ष देव उठनी एकादशी के बाद विवाह मुहूर्त नहीं है क्योंकि हिंदू परंपरा में देवोत्थान एकादशी के बाद मांगलिक कार्य एवं विवाह करने की परंपरा है। देवोत्थान एकादशी से लेकर 15 दिसंबर के बीच में हर वर्ष विवाह के मुहूर्त रहते हैं परन्तु इस वर्ष गुरु के अस्त होने के कारण 14 जनवरी 2019 तक विवाह के मुहूर्त नहीं है। विवाह के साथ उपनयन संस्कार व मुंडन संस्कार भी उपरोक्त समय में वर्जित है। 14 जनवरी 2019 से 14 मार्च 2019 के बीच में पुन: सभी मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त समय होगा।


7 दिसंबर तक रहेंगे गुरु अस्त
पंडित के अनुसार 13 नवंबर को अपरान्ह ३.53 बजे गुरु अस्त हो चुके हैं और 7 दिसंबर 2018 को प्रात: 10.05 तक गुरु अस्त रहेंगे। गुरु अस्त होने से 3 दिन पूर्व गुरुत्व दोष आरंभ हो जाता है एवं उदय होने के 3 दिन पश्चात तक गुरुत्व दोष बना रहता है। अत: उपरोक्त समय में अर्थात 10 नवंबर से 10 दिसंबर 2018 के मध्य कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार व मुंडन संस्कार आदि से संबंधित कोई भी मांगलिक कार्य करना ज्योतिष के अनुसार वर्जित है। 10 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच सिर्फ 11 दिसंबर को एक शुभ नक्षत्र उत्तराषाढ़ा मिल रहा है जो विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त तो है परंतु शुभ तिथि और शुभ योग के अभाव में 11 दिसंबर को भी विवाह का मुहूर्त नहीं है। और 16 दिसंबर से 14 जनवरी के मध्य सूर्य का धनु राशि में होना खरमास का समय माना गया है जिसके अंतर्गत कोई भी मांगलिक कार्य वर्जित है।


विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र ग्रह की भूमिका
ज्योतिष के अनुसार विवाह ही नहीं अपितु हर मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की परंपरा है। विवाह में ज्योतिष के अनुसार गुरु और शुक्र की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई है अत: इन दोनों ग्रहो की शुभ एवं मजबूत गोचर स्थिति में ही विवाह करने का प्रावधान है। जब कभी भी गोचर में गुरु या शुक्र अस्त या दोषग्रस्त होते हैं तो उन दिनों विवाह विवाह निषेध किया गया है। ज्योतिष के अनुसार गुरु एक पूर्ण पुरुष प्रधान मंगलकारी ग्रह जो गृहस्थ जीवन के शुभारंभ में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है और ठीक उसी प्रकार शुक्रएक पूर्ण स्त्रीय प्रधान ग्रह जिसका गृहस्थ जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन दोनों की शुभ स्थिति और शुभ दृष्टि ही अच्छे वैवाहिक जीवन की आधारशिला के द्योतक माने गए हैं, इसलिए विवाह का मुहूर्त निकालते समय गोचर में इन दोनों ग्रहों का शुभ स्थिति में होना, उदित रहना और बलशाली रहना ही अच्छे विवाह का मुहूर्त के लिए शुभ फलदायी है।


चार माह की नींद से जागेंगे भगवान विष्णु
भगवान श्री विष्णु एकादशी पर चार माह की नींद के बाद जागेेंगे। इसके पहले आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी पड़ती है, इस दिन श्री विष्णु क्षीरसागर में 4 माह के लिए शयन के लिए चले जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार इन चार महिनों में बीच कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। वहीं देवउठनी ग्यारस के दिन भगवान विष्णु के जागने के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है।


साल 2019 में विवाह के मुहूर्त
जनवरी- 17, 18, 22, 23, 25, 26, 27, 28, 29 और 30 तारीख
फरवरी – 9, 10, 14, 19, 21, 22, 25 और 26 तारीख
मार्च- 7, 8, 9 और 13 तारीख
अप्रेल- 16, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 24, 25 और 26 तारीख
मई- 2, 6, 7, 8, 12, 14, 15, 17, 19, 21, 23, 28, 29 और 30 तारीख
जून- 8, 9, 10, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 25 और 26 तारीख
जुलाई- 6 और 7 तारीख
नवम्बर- 8, 9, 10, 14, 22, 23, 24 और 30 तारीख
दिसम्बर – 5, 6, 11 और 12 तारीख

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