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दरिंदे दोषी करार, दोपहर बाद आएगा फैसला

locationमंदसौरPublished: Aug 21, 2018 03:15:43 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

दरिंदे दोषी करार, दोपहर बाद आएगा फैसला

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दरिंदें दोषी करार, दोपहर बाद आएगा फैसला

मंदसौर.
सात वर्षीय बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने दोनों दरिंदे आसिफ और इरफान को मंगलवार को कोर्ट की सुनवाई शुरु होते ही कुछ ही देर में दोषी करार दे दिया। अब दोनों दरिंदों को लेकर न्यायालय दोपहर बाद अपना फैसला सुनाएगा। जिसका हर किसी को इंतजार है। 26 जून को बालिका के साथ हुई घटना के बाद पूरा मंदसौर दरिंदों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर सडक़ो पर उतर आया था।

फैसले से पहले दरिंदो को चेहरों पर दिखी बैचेनी
फैसले के एक दिन पहले सोमवार की रात में दोनों दरिंदों के चेहरों पर सजा की आशंका के चलते डर साफ देखा गया। जेल सूत्रों की माने तो सोमवार की सुबह से ही दोनों आरोपियों के चेहरे पर सजा को लेकर बैचेनी थी। शाम को करीब साढ़े छह बजे से सात बजे के बीच दोनों आरोपियों को खाना दिया। लेकिन सजा के डर से आरोपियों ने कम खाना खाया। उसके बाद अपने बैरक कभी बैठते तो कभी ऊपर देखते। देर रात तक आरोपी कभी बैरक में खड़े हो इधर उधर घूमते तो कभी करवटे बदलते रहते।


एक माह और नौ दिन में आएगा फैसला
जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में 12 जुलाई को न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी। इसके बाद 18 जुलाई को चार्ज पर लगाया गया था। 30 जुलाई से इस मामले में गवाही शुरु हुई थी। जो आठ अगस्त तक चली थी। इस दौरान करीब 37 गवाहों की गवाही इस मामले में करवाई गई। 14 अगस्त को बहस के लिए तारीख तय की गई थी। और उसके बाद 21 अगस्त यानि मंगलवार को फैसले के लिए तारीख दी है। इस प्रकरण में 115 दस्तावेज साक्ष्य पेश किए गए है। इस प्रकरण में एक माह और 9 दिन में न्यायालय द्वारा फैसला दिया जाएगा। सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला ने बताया कि आरोपियों को सुरक्षा के बीच जेल से न्यायालय लाया जाएगा। जहां पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया जाएगा।

यह था मामला
26 जून को एक निजी विद्यालय से सात वर्षीय बालिका का अपहरण आसिफ और इरफान ने किया था। वे लक्ष्मण दरवाजे के पास जंगल में बालिका को ले गए थे। जहां पर उन्होंने दुष्कर्म किया और उसका गला चाकू से रेंत कर मृत समझकर वहां से फरार हो गए थे। 27 जून को करण नामक बालक जब जा रहा था तो उसे जंगल में बालिका दिखी थी। बालिका को करण नामक युवक लक्ष्मण दरवाजा पर नरेंद्र सोनी के सुर्पुद कर गया था। जहां पर नरेंद्र सोनी ने दो पुलिसकर्मियों के बालिका को सुर्पद किया। बालिका को जिला अस्पताल लाए। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने बालिका को इंदौर रैफर कर दिया था।

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