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शालाओं में विद्यार्थियों से बर्तन धुलवाने पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश

locationमंदसौरPublished: Oct 17, 2019 12:45:25 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

शालाओं में विद्यार्थियों से बर्तन धुलवाने पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश

शालाओं में विद्यार्थियों से बर्तन धुलवाने पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश

शालाओं में विद्यार्थियों से बर्तन धुलवाने पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश

मंदसौर.
मप्र खाद्य आयोग ने कलेक्टोरेट में खाद्य विभाग से जुड़े योजनाओं व हितग्राहियेां से जुड़े मामलों को लेकर बैठक ली। इसमें खाद्य आयोग केअध्यक्ष राजकिशोर स्वाई एवं सदस्य स्नेहलाता उपाध्याय, गोरेलाल अहीरवाल, वीरसिंह चौहान एवं दुर्गा डाबर की अध्यक्षता में कलेक्टर सभाकक्ष में बुधवार को बैठक हुई।
बैठक में विधायक यशपाल सिसोदिया, नगर पालिका अध्यक्ष हनीफ शेख, सांसद प्रतिनिधि हिम्मद डांगी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। तो कलेक्टर मनोज पुष्प, अपर कलेक्टर बीएल कोचले एवं सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।

आयोग के अध्यक्ष राजकिशोर स्वाई ने कहा कि खाद्य सुरक्षा समिति 2017 में बनी। इस दौरान उन्होंने योजनाओं व इसमें दिए जाने वाले लाभों के बारें में बताया। अध्यक्ष स्वाई ने खाद्य विभाग को निर्देश दिए की जहां पर खाद्य सामग्री का वितरण किया जाता है उस जगह खुलने का समय एवं बंद करने का समय एवं किस दिन खुलेगी।
यह लिखना अनिवार्य है। उन्होंने खाद्य विभाग को निर्देश दिए कि जहां भी मध्यान्ह भोजन की शिकयत आती है वहां जाचं कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। किसी भी प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में बच्चों से बर्तन धुलवाए जाते है तो उन पर तत्काल कार्रवाई करें। साथ ही जिला स्तर, जनपद, पार्षद, सरपंच की अध्यक्षता में समिति बनाने के निर्देश दिए।

स्वाई ने कहा कि मध्यान्ह भोजन प्राथमिक- माध्यमिक शालाओं एवं आंगनवाड़ी में भोजन प्रतिदिन दिया जाता है। स्कूल या आंगनवाडी के निकट रहने वाले व्यकितयों से भोजन का टेस्ट जरूर कराए। अगर किसी गांव में कोई अकेला व्यक्ति या व्यक्ति या जिसका कोई नहीं है तो उसे भी प्रतिदिन खाना खिलाया जाएगा।
विक्रेता को बुलाकर एक बैठक आयोजित करें। स्वसहायता समूह मध्यान भोजन लगातार 3, 5 या 7 दिन तक लगातार बंद रखता है तो उसका डेड गुना राशि बच्चों के खातों में जमा करवाई जाए। किसी व्यक्ति का खाद्य सामग्री लेते समय अगर अंगूठे का निशान नहीं आ रहा है तो वह किसी अन्य व्यक्ति को नामीनी बना सकता है। अपात्र व्यतियों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

विधायक ने दिए यह सुझाव
बैठक के दौरान विधायक सिसौदिया ने सुझाव दिया कि आंगनवाड़ी व मध्यान्ह भोजन बनाने वाले समुह में स्थानीय लोगों को रखा जाए। काम करने वाले समूह पैसा कम देते है। इससे काम करने वाले भी गुणवत्ता व स्वच्छता का ख्यान नहीं रखते। दलों का गठन करों जो निगरानी करें। क्षेत्रीय पोष्टिक व्यंजनों के आधार पर आंगनवाडिय़ों में पौष्टिक आहार मिलें। कम संख्या है तो अधिक गुणवत्ता का आहार दिया जाए। समूह के अपेक्षा इन कामों को एनजीओ को सौंपे जो बेहतर तरीके से इस काम को कर सकें। जिले में खाद्यान्न पात्रता पर्ची नहीं मिलने के कारण हो रही परेशानी से भी अवगत कराया।

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