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घाटे की रसोई ने छिना गरीबों के मुंह से निवाला

locationमंदसौरPublished: Jul 21, 2019 11:32:08 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

घाटे की रसोई ने छिना गरीबों के मुंह से निवाला

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घाटे की रसोई ने छिना गरीबों के मुंह से निवाला

मंदसौर.
इन दिनों प्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना को लेकर राजनीति गर्मा गई है तो दूसरी और ‘पत्रिकाÓ ने इस योजना की हकीकत जानी तो चौंकाने वाला सच सामने आया है। इस योजना मेंं घाटे के चलते गरीबों के मुंह तक निवाला नहीं पहुंच रहा है। और यह जिला मुख्यालय पर ८० दिनों से बंद पड़ी हुई। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इस योजना को चलाने वाली नगर पालिका ने इसकी सुध ली और ना ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इस जिला मुख्यालय पर ८० दिनों से बंद पड़ी योजना की जानकारी ली। इस योजना में ५ रुपए में भरपेट भोजन दिया जाता है, लेकिन सरकार बदलने के बाद इस योजनाओं को बंद करने की चर्चाओं का दौर भी चल रहा है। इसी बीच नपा ने जिस संस्था को यह काम सौंप रखा था। उसने घाटे के चलते मई से योजना में भोजन देने का काम बंद कर दिया है। ऐसे में इस योजना के तहत मिल रहा भोजन बंद पड़ा है। सरकार स्तर गरीबों की भूख से जुड़ी इस योजना पर निर्णय होने से पहले ही घाटे के कारण शहर में इस योजना के तहत काम कर रही संस्था ने हाथ खड़े कर दिए। फिर से जो संस्था अब तक संचालन कर रही थी। उसे ने चलाने के लिए आवेदन दिया तो उस पर भी अभी निर्णय नहीं हो पाया है।

योजना की वर्तमान में यह है स्थिति
दीनदयाल रसोई योजना में ५ रुपए में भरपेट भोजन देने का काम किया जाता है। इसकी एजेंसी नपा है। नपा ने काम शहर में संस्था को दे रखा है। जो पिछले २ सालों से इस पर काम कर रही है। लेकिन इसके लिए सरकार से उन्हें सिर्फ गेंहू और चावला ही मिलता है और जगह नपा ने शहर में महाराणा प्रताप बस स्टैंड क्षेत्र में उपलब्ध करा रखी है। ऐसे में संचालक को गैस सिलेंडर से लेकर अन्य भोजन के सामान में व्यय होने के चलते घाटा हो रहा था। इसलिए अप्रैल के बाद भोजन देने का काम बंद कर दिया। अब फिर से शुरु करने के लिए नपा में आवेदन दिया है, लेकिन नपा ने अभी इस पर निर्णय नहीं किया है।

नुकसान के कारण कर दिया बंद
योजना के तहत संचालनकर्ता को शासन की और से गेंहू और चावल दिए जाते है। इसके अलावा अन्य व्यय उसी को वहन करना पड़ता है। और यहां भोजन करने आने वाले व्यक्ति को ५ रुपए में भरपेट भोजन करना होता है। ऐसे में शहर में इस योजना का संचालन करने वाली समिति केपीटल न्यू एरा एंड डेवलमेंट संस्था संचालन कर रही थी। पिछले दो साल से संस्था भोजन कराती आ रही है। इसमें प्रतिदिन २५० से ३०० लोग हर दिन यहां भोजन कर रहे थे। लेकिन मई माह से नुकसान के चलते बंद कर दिया था। ८० दिनों से इस योजना के तहत गरीब वर्ग के लोग जो भोजन करते है, उन्हें भोजन नहीं मिल रहा है।

फिर दिया है आवेदन
अप्रैल में समय पूरा हो गया था। इसके बाद चुनाव के चलते इसमें आगे कुछ हुआ नहीं था और आय से अधिक व्यय के कारण इसे बंद कर दिया था। फिर से नपा में आवेदन दिया है। वहां से आदेश होते, इसे फिर से शुरु करेंगे।-मनोज व्यास, संचालक

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