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जनप्रतिनिधियों को चार दिन बाद याद आए भूख हड़ताल पर बैठे आदिवासी

locationमंडलाPublished: Jan 19, 2019 08:50:50 pm

Submitted by:

shivmangal singh

स्वागत रैली में व्यस्त रहे विधायक, बांध निर्माण का कर रहे विरोध

Tribal people, who lived on hunger strike after four days

चार दिन बाद याद आए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

मंडला. मवई विकासखंड के ग्राम पंचायत भानपुर निवासी बांध निर्माण के विरोध में चार दिन से भूखहड़ताल पर बैठे हुए हैं। जिसकी जानकारी प्रशासन को होने के बाद भी न तो जनप्रतिनिधियों ने सुध ली और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने। विधायक नारायण सिंह पट्टा 16 व 17 जनवरी को मवई में शासकीय कार्यक्रम के साथ ही अपनी आभार सभा व स्वागत रैली में भी शामिल रहे। इसके बाद भी उन्हें ग्रामीणों की समस्या की जानकारी नहीं लग सकी। 19 जनवरी को जब ग्रामीणों की प्रदर्शन की जानकारी सोशल मीडिया में वायरल हुई तो विधायक स्थानीय अधिकारियों के साथ भानपुर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाईश दी। विधायक की समझाईश के बाद भी ग्रामीण अपनी मांगो पर अड़े हुए हैं। बताया गया कि जिले की मवई विकास खंड के अंतर्गत आने वाले ग्रामीणों ने इस क्षेत्र में बनने वाले बांध के खिलाफ १५ जनवरी से मोर्चा खोल दिया है। बांध निर्माण कार्य को तत्काल रोके जाने के लिए ग्रामीणों ने भूख हड़ताल कर दी है। ग्राम पंचायत भानपुर में रहने वाले इन बैगा जनजाति और आदिवासियों का कहना है कि इन्हें बांध बनने से किसी तरह का कोई भी लाभ नहीं होने वाला है। बल्कि इनकी जमीन भी डूब क्षेत्र में जा रही है और पशुओं को चारा चराने जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ेगा। दुसरी मुख्य समस्या आवागमन की होगी क्योंकि ये इसी जगह से आते जाते हैं अगर बांध बन जाता है तो इन लोगों को लंबा घूम कर आनाजाना होगा। दर्जनो ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। ग्रमीणों का आरोप है कि बांध के लिए जो जमीन अधिग्रहण की जा रही है उसका मुआवजा भी बहुत कम सरकार द्वारा दिया जा रहा है। ग्रामीण गांव में ही टेंट लगा कर इसका विरोध कर रहे। ग्रामीणों के अनुसार बार-बार शिकायते करने और जनसुनवाई में भी अधिकारियों से समस्याओं को अवगत कराने पर भी समस्या का समाधान नहीं हो सका। जिसके कारण उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा। जब तक काम बंद नहीं होता तब हड़ताल जारी रखने की बात कही है। ग्रामीणों की समस्या सुनने बिछिया एसडीएम, जल संसाधन के अधिकारी भी पहुंचे।
एक साल पहले शुरू हुआ है काम
पट्टा का कहना है कि उक्त बांध भाजपा के कार्यकाल में स्वीकृत किया गया है। जिसमें ग्रामीण बहुत से खामिया गिना रहे हैं। भू अधिग्रहण में सभी किसानों व ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला है। जिन्हें मुआवजा दिया भी गया है वह पर्याप्त नहीं है। जिसके कारण ग्रामीण बांध का विरोध कर रहे है। ग्रामीण डेम निरस्त करने की मांग कर रहे हैं जिनका साथ अब भाजपा नेता भी देने लगे हैं।
इनका कहना
बांध निर्माण के विरोध को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व में सूचना दी थी जिस पर विचार किया जा रहा है। फिल हाल निर्माण कार्य बंद करवा दिया गया है। बांध निर्माण को निरस्त कराने की मांग शासन तक पहुंचाई जाएगी।
नारायण सिंह पट्टा, विधायक, बिछिया
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