scriptडॉक्टरों की हड़ताल से सूनी रही ओपीडी, यहां मिला इलाज | strike : no treatment in opd, doctor gave only emergency service | Patrika News

डॉक्टरों की हड़ताल से सूनी रही ओपीडी, यहां मिला इलाज

locationमंडलाPublished: Jun 18, 2019 08:32:13 pm

Submitted by:

shivmangal singh

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के चलते डाक्टरों ने सांकेतिक हड़ताल करके जताया विरोध

shahdol

डॉक्टरों की हड़ताल से सूनी रही ओपीडी, यहां मिला इलाज

मंडला. पश्चिम बंगाल में एक अस्पताल में भर्ती वृद्ध की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इसके बाद वहां उपस्थित भीड़ बेकाबू हो गई और 150 लोगों ने वहां के अस्पताल में 15 चिकित्सकों से मारपीट की, जिसमें कई चिकित्सक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस घटना के विरोध में 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आयोजन चिकित्सकों द्वारा किया गया। प्रदेश के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने भी हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया और ओपीडी दिन भर सूनी रही। हड़ताल के दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार मिल सके। इसके लिए आकस्मिक चिकित्सा कक्ष से मरीजों को उपचार दिया गया और गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को वार्ड में भर्ती भी किया गया। यही कारण है कि कल अस्पताल में चिकित्सकों के हड़ताल पर होने के बावजूद मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ा। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, कल ओपीडी टाइम में कुल 400 मरीजों का उपचार किया गया और इसके अलावा गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचने वाले लगभग 70 मरीजों को वार्डों में भर्ती किया गया।
नहीं ले रहे रुचि
मिली जानकारी के अनुसार अनूपपुर और नरसिंहपुर से एक-एक चिकित्सक मंडला में अपनी सेवाएं देने की सहमति दिए जाने के बाद भी जिला प्रशासन और संभागायुक्त ने इस दिशा में अब तक कोई कारगार निर्देश जारी नहीं किये हैं। मंडला में जिला अस्पताल का कोई विकल्प नहीं होने से इस आदिवासी अंचल के सभी नागरिक इसी स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर हैं। वर्तमान परिस्थिति में जिला अस्पताल में गंभीर बीमारी का उपचार करना तो बहुत दूर की बात है प्राथमिक उपचार मिलना भी कठिन हो गया है। ऐसे में जिलेवासियों के लिए निकटतम उच्च स्वास्थ सुविधा जबलपुर में उपलब्ध है। पिछले चार वर्षो से निर्माणाधीन सड़क को कारण मरीजों और उनके परिजनों को निवास होकर जबलपुर जाना पड़ रहा है। इससे आपातकाल में बहुमूल्य समय नष्ट होता है। साथ ही घुमावदार पहाड़ी रास्ता होने के कारण मरीज के स्वास्थ में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

mandla
27 तक का अल्टीमेटम
चिकित्सकों की भर्ती नहीं किए जाने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान को लेकर जिले के नागरिकों ने जिला प्रशासन को 10 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि 27 जून तक जिला चिकित्सालय की विकराल समस्या का समुचित निदान नहीं होता है तो जिले के जागरूक नागरिक वृहद आंदोलन करने मजबूर होंगे। इस अवसर पर रेणु अग्रवाल, जयदत्त झा, आनंद तिवारी, रविंद्र शर्मा, अविनाश जैन, सैयद सिकंदर अली, विवेक अग्निहोत्री, आशीष शर्मा, रानू राजपूत, अनुभव अग्निहोत्री, विवेक शुक्ला, राजेश दुबे, नीलेश राय, सुनील अग्रवाल, आदित्य अवस्थी, सुधीर बाजपेई, दीपक शर्मा आदि मौजूद रहे।
भर्ती हो एमडी मेडिसिन की
जिले में चरमराई स्वास्थ व्यवस्था और बिना चिकित्सक के शो पीस बने जिला चिकित्सालय में खाली पड़े पदों में पदास्थापना की मांग को लेकर नगर के समाजसेवी और जागरूक नागरिकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में 27 जून तक जिला चिकित्सालय में एमडी मेडिसन की पदस्थापना किये जाने की मांग रखी है और समयसीमा में मांग पूर्ण नहीं होने की परिस्थिति में वृहद आंदोलन किये जाने की बात कही गई है। जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 38 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 29 पद रिक्त हैं एवं 29 मेडिकल ऑफिसर के स्वीकृत पदों के विरुद्ध 22 रिक्त हैं। इसमें एमडी मेडिसन और ईएनटी विशेषज्ञ नहीं होने से जिले की स्वास्थ समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। दुर्भाग्य यह है कि इस गंभीर समस्या से जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि अवगत है इसके बावजूद अब तक इस दिशा में कोई भी सकारात्मक कार्य नहीं हो सका।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो