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मंडला

टोकन अटका, धान उपार्जन से हजारों किसान चूके

डाउन सर्वर के कारण नहीं मिला उपार्जन का लाभ

मंडलाJan 21, 2019 / 12:57 pm

shivmangal singh

sever down : farmer lost his opportunity for paddy aquisition

टोकन अटका, धान उपार्जन से हजारों किसान चूके

मंडला. वर्ष 2018-19 के लिए किया गया धान उपार्जन अंतत: 19 जनवरी की रात को 12 बजे उस वक्त रुक गया जब उपार्जन का पोर्टल पूरे प्रदेश में लॉक कर दिया गया। इसके साथ ही जिले में भी धान उपार्जन की प्रक्रिया रोक दी गई। अब सिर्फ उन किसानों की धान की तौल होगी, जिनका टोकन 19 जनवरी तक काटा गया। इसी प्रक्रिया ने जिले के सैकड़ों किसानों को धान उपार्जन से वंचित कर दिया। दरअसल उपार्जन प्रक्रिया के अंतर्गत, वही किसान अपनी धान शासन को बेच सकते हैं, जिन्हें धान उपार्जन केंद्र से टोकन जारी किया गया। उक्त टोकन में किसान का पूरा विवरण, उसके रकबे और उत्पादन संबंधी जानकारी और विक्रय किए जा सकने वाले धान की विस्तृत जानकारी होती है। इस टोकन की निकासी ऑनलाइन होती है। आदिवासी बहुल्य जिले में ज्यादातर खरीदी केंद्रों में नेटवर्क की समस्या अधिकांश समय रही। यही कारण है कि किसानों को टोकन लेने के लिए कई बार घंटों तक इंतजार करना पड़ा। कई किसान इसी प्रक्रिया में उलझकर बिना टोकन लिए जाने को विवश हो गए क्योंकि दो-दो-तीन-तीन दिनों तक चक्कर लगाने के बावजूद जब खरीदी केंद्रों में टोकन उन्हें नहीं मिला तो अंतत: उन्होंने शासन को धान विक्रय करने का विचार ही त्याग दिया। जिला प्रशासन भी डाउन सर्वर की समस्या के निदान में असफल रहा और पंजीकृत किसानों और विक्रेता किसानों के बीच हजारों की संख्या का अंतर उत्पन्न हो गया। वर्ष 2018-19 की उपार्जन के लिए जिले भर से 26 हजार 583 किसानों ने पंजीयन कराया था, उनमें से 25 हजार 52 किसानों को सत्यापन किया गया और जिले भर से लगभग 17 हजार किसान ही 19 जनवरी की दोपहर तक उक्त योजना का लाभ ले सके। इस तरह लगभग 8 हजार किसान धान उपार्जन से वंचित रह गए।
1 लाख क्विंटल से पिछड़े
जिला खाद्य आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष धान उपार्जन का अनुमानित लक्ष्य 9 लाख क्विंटल रखा गया था। 19 जनवरी की सुबह तक जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में लगभग 7.60 लाख क्विंटल धान खरीदी की गई। बताया गया है कि जिले भर से लगभग 8 लाख क्ंिवटल धान की खरीदी का अनुमान लगाया जा रहा है। अगर उक्त आंकड़े तक विभाग खरीदी करने में सफल भी रहा, इसके बावजूद लक्ष्य से लगभग 1 लाख क्ंिवटल पीछे रह जाएगा और इसका मुख्य कारण यही है कि विभाग किसानों को समय पर टोकन उपलब्ध नहीं करा पाया।
फैक्ट फाइल
26583 पंजीकृत किसान
25052 सत्यापित किसान
16272 विक्रेता किसान
7.60 लाख क्विंटल की खरीदी
5.08 लाख क्विंटल का परिवहन
43 – जिले भर में खरीदी केंद्र

यह सही है कि कई खरीदी केंद्रों में किसानों को टोकन मिलने में परेशानी हुई और उनका समय खराब हुआ। यह तकनीकी समस्या है। इसके समाधान के लिए अंत तक प्रयास किया गया लेकिन पूर्ण सफलता नहीं मिली।
ओपी पांडे, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, मंडला।

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