धार्मिक स्थल पर पीएम आवास का कब्जा
मंडलाPublished: Jul 14, 2018 08:22:17 pm
सीता रपटन की पहाडिय़ों पर बना रहे आवास
Occupation of PM House at Religious Site
मंडला. जिले में धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ साथ पौराणिक मान्यताओं से जुड़े सीता रपटन के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों के कारण इस स्थल पर न केवल अव्यवस्था छाने लगी है बल्कि सीतारपटन के अनेक हिस्सों पर कब्जा कर वहां पीएम आवास का निर्माण कराया जा रहा है। गौरतलब है कि बिछिया विकासखंड के अंजनिया पंचायत के करीब एक विस्ततृत क्षेत्र में फैले एक पत्थर में स्थित धार्मिक स्थल सीतारापटन अपने आप में अलग पहचाना बनाए हुए हैं। इस क्षेत्र में कुछ ऐसे चिन्ह हैं जिससे लोग मानते हैं कि माता सीता ने यहां कुछ समय बिताया था। यहां दो बड़े पत्थर रखे हुए हैं जिन्हें अन्य पत्थरों से पीटने पर नगाड़े सी आवाज आती है। जिला मुख्यालय से ३० किलोमीटर दूर अंजनियां व बम्हनी मार्ग में पडऩे वाले धार्मिक स्थल सीतारापटन में बहुत से रहस्य छुपाए हुए हैं। यह क्षेत्र एक बड़े से पत्थर में स्थित हैं। उसी पत्थर में गुफा और फिसलने का स्थान भी बना हुआ है। फिसलने (रपटने) के स्थान के कारण ही इस क्षेत्र का नाम सीतारापटन पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फिसलने के स्थान पर माता सीता एवं उनके पूत्र लव-कुश फिसला करते थे। लोगों का कहना है कि सीतामाता ने लव-कुश को यही जन्म दिया था। उनके जन्म की खुशी मनाने के लिए नगाड़े बचाए गए थे जो अब पत्थर में बदल गए हैं। लवकुश के जन्म के स्थान पर कुछ चिन्ह भी मिलते हैं। भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टेक) के द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘हमारी विरासत जिला मंडलाÓ में लेखक गिरजाशंकर अग्रवाल ने इस क्षेत्र का वर्णन किया है। जिसमें बताया गया है कि सीतारपटन पवित्र तीर्थस्थल है यहां पर मटियारी एवं सुरपन का संगम होता है।
मंदिर के नजदीक चल रहा निर्माण
सीता रपटन का क्षेत्र विशाल पत्थर पर स्थित है। लोगों की आस्था को देखते हुए बाद में यहां श्रीराम, हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया है। यहां हनुमान जी की प्रतिमा जमीन पर लेटी हुई है। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां पर मेला भरता है। अनेक लोगों द्वारा क्षेत्र में अवैध कब्जा किया गया है। यहां तक कि सीतारपटन के विशाल पथरीले क्षेत्र के किनारे प्रधानमंत्री आवास का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर के नजदीक ही यह निर्माण हो रहा है। सिर्फ यहीं नहीं, क्षेत्र में फैले विशाल पत्थर के अनेक अलग अलग हिस्सों में पीएम आवास का काम चल रहा है। जिस तेजी से यहां निर्माण कार्य हो रहा है। इससे सीतारपटन का प्राकृतिक सौंदर्य भी खत्म होने लगा है।
पहाड़ी क्षेत्र में पीएम आवास के लिए भूमि आवंटन कैसे किया जा रहा है और किस आधार पर चट्टानों पर अवैध कब्जा होने दिया जा रहा है इस पर न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी भी मौन साधे हुए हैं।
इस बारे में हेमंतिका शुक्ला, जिला पुरातत्व अधिकारी, मंडला, का कहना है कि सीता रपटन का क्षेत्र पुरातत्व के अधीन नहीं आता। हालांकि यह क्षेत्र धार्मिक आस्था और पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है।