scriptये बाल काटकर ही बन गए करोड़पति, जानिए पूरी कहानी | Motivational Story: Ramesh Babu Barber who became billionaire | Patrika News

ये बाल काटकर ही बन गए करोड़पति, जानिए पूरी कहानी

locationजयपुरPublished: Jul 05, 2019 09:59:57 am

Motivational Story: रमेश बाबू जब 7 वर्ष के थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई। घर का खर्च चलाने के लिए रमेश ने शॉप को 5 रुपए प्रतिमाह किराए से दे दिया।

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Motivational Story: रमेश बाबू बैंगलुरू में बार्बर शॉप चलाते हैं और भारत के लाखों-करोड़ों युवाओं की प्रेरणा हैं। रमेश बाबू इसके साथ ही रमेश ट्यूर एंड ट्रेवल्स कंपनी के मालिक भी हैं। यह कोई ट्रैवल कंपनी नहीं है। दरअसल रमेश की कंपनी के पास 400 से अधिक लग्जरी कारों का बेड़ा है। उनकी कंपनी रॉल्स रॉयस से लेकर बीएमडब्लयू और मर्सिडिज के टॉप मॉडल की कारों को रेंट पर देती है।

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बचपन से ही रहा संघर्षशील जीवन
रमेश बाबू बेंगलूरु के अनंतपुर के रहने वाले थे। जब वे 7 वर्ष के थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई। पैतृक संपत्ति के नाम पर रमेश के पास अपने पिता की बार्बर शॉप थी। घर का खर्च चलाने के लिए रमेश ने शॉप को 5 रुपए प्रतिमाह किराए से दे दिया। उनके घर के हालात इतने विकट थे कि वे तीन दिन में केवल एक बार भरपेट खाना खाते थे। मां की मदद से उन्होंने दूध की बोतल और अखबार बेचना शुरू किया।

मुश्किल हालात में भी जारी रखी पढ़ाई
विकट परिस्थितियों में भी रमेश बाबू ने स्वयं की और दो भाई-बहिनों की पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 1989 में रमेश बाबू ने अपने पिता की बार्बर शॉप स्वयं चलाने का निर्णय किया। फिर उन्होंने थोड़े थोड़े पैसे बचाए और 1994 में एक कार खरीद ली। इस कार को रेंट पर चलाने लगे और कुछ और कारें खरीद लीं, लेकिन उनके बिजनेस ने यू टर्न लिया 2004 में।

अब भी पैतृक काम से जुड़े हैं
रमेश बाबू का लग्जरी कार रेंट का आइडिया इतना यूनीक था कि उनकी कंपनी पूरे दक्षिण भारत में मशहूर हो गई। बाद में उन्होंने कई ऐसी विदेशी कंपनियों की कारें खरीदीं जिनकी डिमांड सबसे अधिक थी। वर्ष 2018 में उन्हें एंटरप्रेन्योरशिप के फील्ड में कई अवॉड्र्स से नवाजा गया। वे अपने पैतृक कार्य से अब भी जुड़े हुए हैं और रोज अपनी बार्बर शॉप में जाकर दो घंटे काम करते हैं।

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