scriptदेख नहीं सकते थे फिर भी कर दिया ये कारनामा, जानें पूरी कहानी | Motivational story of Ashish Singh Thakur in Hindi | Patrika News

देख नहीं सकते थे फिर भी कर दिया ये कारनामा, जानें पूरी कहानी

locationजयपुरPublished: Feb 12, 2019 12:04:11 pm

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रहने वाले 40 वर्षीय आशीष सिंह ठाकुर अपनी कभी हार ना मानने की क्षमता और परिवार के लोगों के सहयोग की बदौलत अपने लिये जिंदगी के मायने बदल दिए।

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जीवन के घनघोर अंधेरे में भी यदि आत्मशक्ति जाग जाए तो इंसान मुश्किल से मुश्किल बाधा को पार कर सफलता के सोपान पर पहुंच जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी दृष्टि बाधिता को झुठलाते हुए देश की सर्वाधिक कठिन प्रतियोगी परीक्षा माने जाने वाले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की IAS परीक्षा उत्तीर्ण होकर भारतीय डाक सेवा (IPS) के अधिकारी बने बिहार के दरभंगा में डाक प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक आशीष सिंह ठाकुर की है। दृष्टि बाधित होने के बावजूद डाक प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक ठाकुर चार राज्यों के इकलौते प्रशिक्षण केन्द्र का दायित्व सफलतापूर्वक संभाल रहें हैं।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रहने वाले 40 वर्षीय आशीष सिंह ठाकुर अपनी कभी हार ना मानने की क्षमता और परिवार के लोगों के सहयोग की बदौलत न सिर्फ अपने लिये जिंदगी के मायने बदल दिए बल्कि समाज को भी प्रेरणा दी है। बाल्य अवस्था में ही नेत्रहीन हो चुके ठाकुर की शिक्षा-दीक्षा सामान्य बच्चों की तरह सामान्य विद्यालय एवं महाविद्यालय में ही हुई है। इन्होंने ब्रेल लिपि का भी सहारा नहीं लिया और पाठ्यक्रम का ऑडियो रिकार्डिंग एवं स्वयं भी वर्ग में शिक्षकों से सुनकर अपनी पढ़ाई पूरी की है।

वर्ष 1997 में बारहवीं की परीक्षा जीव विज्ञान विषय से एवं वर्ष 2000 में स्नातक कला की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। इसके बाद गुरू घासी दास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से वर्ष 2002 में उन्होंने इतिहास विषय से स्नातकोत्तर उत्तीर्ण कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। अपने विश्वविद्यालय के वे टॉपर बने। फिर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जेआरएफ और एसआरएफ में सफलता प्राप्त की। इतना पढऩे के बाद भी वे नहीं रुके।

इसके बाद उन्होंने ‘गांधीवाद और वामपंथ’ के अंत:क्रियात्मक संबंध’ विषय पर पीएचडी की। उन्होंने नौकरी के लिए छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त की तथा वर्ष 2007 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में सहायक आयुक्त वाणिज्य कर के रूप में दो वर्ष सेवा की।

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