लेकिन राजनीति में बढ़ते धनबल के चलते इतना तो तय है कि बचे 37 प्रत्याशियों में से भी कई करोड़पति निकलेगें। वहीं इन 94 प्रत्याशियों में से 14 पर 2013 में आपराधिक केस थे। यानि 15 फीसदी। सूची में शामिल लोगों ने अपना पेशा खेती, व्यापार, वकालत, चिकित्सा, शिक्षा है। प्रत्याशियों के 2013 शपथ-पत्र के अनुसार खेती और व्यापार करने वाले सर्वाधिक हैं। खेती मेंं नुकसान के चलते देश में किसान भले ही आत्महत्या कर रहे हों लेकिन खेती करने वाले नेता इससे भी करोड़ों बना रहे हैं।
रोचक तथ्य है कि खेती करने वाले कई प्रत्याशी करोड़पति हैं तो कई प्रत्याशी खेती के साथ-साथ व्यापार भी कर रहे हैं। 94 प्रत्याशियों में से 40 ने अपना पेशा खेती घोषित किया था यानि 42 फीसदी। 34 प्रत्याशियों ने अपना पेशा व्यापार बताया था यानि 36 फीसदी। एक प्रत्याशी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में दिए शपथ-पत्र में अपना पेशा पूजा-अर्चना बताया था। ४ प्रत्याशी वकालत करते हुए राजनीति में आए हैं और वकालत ही पेशा बताया है तो एक प्रोफेसर हैं। कुछ ने समाजसेवा सहित अन्य पेशा बताया। हालांकि, 2013 के शपथ-पत्र के अनुसार दागी रहे प्रत्याशियों में से कुछ को न्यायालय से राहत मिल चुकी है।
अंकित ढाका